कृषि कानूनों का एक साल पूरा

अकाली दल का आज बड़ा प्रदर्शन, संसद तक मार्च निकालने की तैयारी; पुलिस ने दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर रोका

कृषि कानूनों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल आज दिल्ली में प्रदर्शन करने की तैयारी में है। प्रदर्शनकारी गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब से संसद तक मार्च निकालना चाहता है। इन्हें रोकने के लिए पुलिस ने भारी बंदोबस्त किए हैं। सुबह आगे बढ़ रहे लोगों पर हल्का बल प्रयोग भी किया गया।

प्रदर्शन में भाग लेने जा रहे अकाली कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने झाड़ोदा बॉर्डर पर रोक दिया। पंजाब के नंबर वाली सभी गाड़ियों को लौटा दिया गया। कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया, लेकिन पुलिस और CRPF ने उन्हें बलपूर्वक रोक दिया। इसके बाद ये कार्यकर्ता बॉर्डर की तरफ लौट गए। पुलिस का कहना है कि कोविड नियमों की वजह से इस मार्च की अनुमति नहीं दी गई है।

दिल्ली के DCP दीपक यादव ने बताया कि शिरोमणि अकाली दल के विरोध प्रदशर्न में कुछ लोग यहां जमा हुए थे। हमने उनके नेताओं से बात की और उन्हें सूचना दी कि यहां प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है। फोटो गुरुद्वारा रकाबगंज के पास की है।

कार्यकर्ताओं को दिल्ली में आने से रोकने के लिए बड़ी संख्या में सैन्यबल को तैनात किया गया है।

अकाली दल आज मना रहा काला दिवस
अकाली दल आज कृषि बिल के विरोध में काला दिवस मना रहा है। अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर बादल ने मंगलवार को लोगों से इस प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की थी। हरसिमरत कौर ने एक ट्वीट करके बताया है कि पुलिस ने दिल्ली में एंट्री के सभी पॉइंट बंद कर दिए हैं और कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया है। उन्होंने कहा कि यह गैर-घोषित आपातकाल है।

कृषि कानून के कारण टूट गया था गठबंधन
कृषि बिल का विपक्ष के साथ ही NDA में शामिल अकाली दल ने भी विरोध किया था। नौबत ये आई कि हरसिमरत कौर ने केंद्र में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही दोनों दलों का 24 साल पुराना गठजोड़ भी टूट गया था। हालांकि, जब बिल पास हुए तब अकाली दल ने इसका समर्थन किया था।
इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पूरे पंजाब से अकाली संगत के कार्यकर्ता दिल्ली आए हैं।

आप ने अकाली दल पर तंज कसा
आम आदमी पार्टी (आप) ने अकाली दल इस विरोध प्रदर्शन पर निशाना साधा है। आप विधायक कुलतार सिंह संधावा ने रविवार को कहा था कि अगर हरसिमरत कौर बादल बिल पर दस्तखत नहीं करतीं तो आज काला दिवस मनाने की नौबत ही नहीं आती।

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