अमेठी : एक और नकली अनामिका शुक्ला उर्फ आरती उर्फ आकृति उर्फ अन्नू हुई गिरफ्तार

शिक्षा विभाग में घोटालों की परत एक-एक करके खुलती जा रही है। ऐसा लग रहा है कि सबसे सम्मानजनक पेशा शिक्षा का कार्य अब आने वाले समय में सबसे अपमानजनक हो गया है। जिस शिक्षक का नाम लोग आदर्श के साथ लेते थे उनका अनुकरण करते थे आज उन्हीं शिक्षक को 420 अर्थात फ्राड की श्रेणी में रखा जा रहा है और वह सलाखों के पीछे पहुंच रहे हैं। जो कहीं ना कहीं गंभीर चिंता का विषय है। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में अनामिका शुक्ला के नाम से 25 और जगह पर फर्जी तरीके से नौकरी करने वाली अलग-अलग लड़कियां बारी-बारी से गिरफ्तार होकर जेल जा रही है। जबकि जिसके नाम से यह लोग सरकार से वेतन ले रही थी वह घर में एक एक पैसे को तरस रही थी। जिसके नाम से कर्मों का खेल हो रहा था उसके पास कोई रोकड़ा नहीं था। कहते हैं सांच को आंच नहीं और झूठ बहुत देर टिकता नहीं ,ऐसा ही हुआ और झूठ फरेब मक्कारी तथा फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने वाली सभी शिक्षिकाएं बारी-बारी से गिरफ्तार की जा रही हैं ऐसे में आज अमेठी जनपद के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में तैनात फर्जी शिक्षिका के रूप में आरती उर्फ़ आकृति उर्फ अन्नू जो अनामिका शुक्ला के नाम पर काम कर रही थी और कन्नौज की रहने वाली थी आज अमेठी पुलिस के द्वारा इस को गिरफ्तार कर पुलिस कार्यालय में खुलासा करते हुए सुसंगत धाराओं में जेल भेज दिया गया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक अमेठी ने बताया कि अनामिका शुक्ला के फर्जी घोटाले में अमेठी के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में भी एक अनामिका शुक्ला नाम की फर्जी शिक्षिका तैनात थी इसी के संदर्भ में बीएसऐ अमेठी के द्वारा 6 जून को एक मुकदमा पंजीकृत कराया गया था जिसमें फर्जी तरीके से गलत दस्तावेजों के सहारे नौकरी पाने का आरोप लगाया था उसमें अनामिका शुक्ला के नाम से अमेठी में जो लड़की कार्यरत थी उसका नाम आरती है जो थाना बिशनगढ़ कन्नौज की रहने वाली है अमेठी में वह 28 नवंबर के बाद से कार्यरत थी उस लड़की को आज थाना अमेठी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है अनामिका शुक्ला के नाम से जो लड़की यहां पर कार्य थी उसके तीन उपनाम है आरती आकृति उर्फ अन्नू यह कन्नौज की रहने वाली लड़की है 28 नवंबर को है लड़की कार्यरत हुई थी इसका जो मेन मास्टरमाइंड था पुष्पेंद्र उसके यह संपर्क में आई थी और नौकरी का झांसा देकर वह इसके नाम से अनामिका शुक्ला के सारे डॉक्यूमेंट में फ्रॉड करके नौकरी दिलवाई गई थी उसी के साथ-साथ कई अन्य जगह पर कई अन्य लड़कियों को उसी नाम से और नौकरी दी गई थी यह पूरी बात ₹2 लाख में तय हुई थी जब लड़की असमर्थ हुई कि मैं ₹2 लाख नहीं दे पाऊंगी तब यह तय हुआ कि प्रत्येक सैलरी का 50 प्रतिशत हर महीने देना है और इस तरह करके ₹200000 पूरा करना है।

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