ओमिक्रॉन अब डेल्टा वेरिएंट का ले रहा जगह, विदेश से आए 80 फीसदी लोग इसके शिकार

ओमिक्रॉन देश में ले रहा डेल्टा वेरिएंट की जगह, द्विदेश से आए लोग सबसे ज्यादा है शिकार

लखनऊ: देश में कोरोना अपना पैर पसार चुका है. धीरे-धीरे देश के लिए चिंता का विषय बन चुका है. वहीँ इस बीच अब ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामलों ने अब डेल्टा वेरिएंट की जगह लेना शुरू कर दिया है और संक्रमित पाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में से अब करीब 80 प्रतिशत ओमिक्रॉन से संक्रमित मिल रहे हैं.

23 राज्यों में पहुँच चुका है ओमिक्रॉन

सरकार के मुताबिक सामने आने वाले मामलों में से आधे से भी ज्यादा हल्के लक्षण वाले होते हैं जबकि बाकी बिना लक्षण वाले हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ओमीक्रोन के कुल 1,270 मामलों का पता चला है. बता दें कोविड-19 जांच में काफी कमी को देखते हुए, केंद्र सरकार ने गुरुवार को 19 राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों से व्यापक पैमाने पर जांच करने का आग्रह किया था ताकि संक्रमित मामलों की तत्काल पहचान की जा सके और ओमिक्रॉन वेरिएंट के प्रसार को रोका जा सके.

देश में 2 दिसंबर को ओमिक्रॉन के पहले दो मामलों का ऐलान किए जाने के बाद से स्वास्थ्य मंत्रालय एक मिशन मोड में काम कर रहा है और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए किए जाने वाले उपायों पर राज्यों का लगातार मार्गदर्शन भी कर रहा है.

पीएम मोदी कोविड को देखते हुए कर रहे बैठकें

पीएम मोदी भी नियमित रूप से देश भर में कोविड-19, ओमिक्रॉन के हालात और स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठकें कर रहे हैं. वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया विशेषज्ञ टीमों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रतिदिन स्थिति की समीक्षा करते हैं. वह दवाओं और वेंटिलेटर के स्टोरेज और ऑक्सीजन की उपलब्धता पर भी जानकारी लेते हैं.

ओमिक्रॉन को लेकर केंद्र सरकार ने कसी कमर

जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय का ‘वॉर रूम’ चौबीस घंटे काम कर रहा है और सभी रुझानों और बढ़ोतरी का भी पता कर रहा है. इसके साथ ही देशव्यापी स्थिति की निगरानी कर रहा है मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जांच बढ़ाने, अस्पताल की तैयारियों को मजबूत करने, वैक्सीनेशन कैंपेन की स्पीड बढ़ाने पर पूरा जोड़ दिया है. इसके अलावा जहां भी जरूरी हो संक्रमण के प्रसार का मुकाबला करने के लिए प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करना सुनिश्चित करने की सलाह दी है. बता दें भारत की 90 फीसदी वयस्क आबादी को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है और 64.40 फीसदी लोगों को दोनों डोज लग चुकी हैं.

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