योगी के फरमान को अफसर लगा रहें हैं ठिकाने, जानें पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में योगी सरकार के फरमान को उन्ही के अफसरान ठिकाने लगाने में आमादा हैं। बात हो रही है ओवरलोडिंग की जिसकों लेकर योगी सरकार ने तमाम तरह की गाइडलाइन बना रखी है लेकिन अब उन्हीं की बनाई गई गाइडलाइन को उन्ही के अफसरानों द्वारा सिरे से नकार दिया गया है। न तो जनपद में काबिज आला अधिकारियों द्वारा ओवरलोडिंग पर लगाम लगाने की कोशिश की जा रही है और न ही कोई ठोस कार्यवाही की जहमत उठाई जा रही है। कुल मिला कर अगर कहें तो भृष्टाचार मुक्त का वादा करने वाली बाबा की सरकार में राजस्व को खुलेआम चूना लगाकर भृष्टाचार का बिगुल खुलकर फूंका जा रहा है।

न सत्ता का खौफ….. न ही प्रशासनिक कार्यवाही की कोई फिक्र…..तथाकथित राम राज्य में सब कुछ जायज है….। योगी सरकार में खनन माफियाओं द्वारा खुलकर ओवरलोडिंग का खेल खेलने सुरु कर दिया हैं जिसमें योगी के अफसरान भी शामिल और रजामंद दिखाई दे रहें हैं। सत्ता का सुख भोग रही योगी सरकार में जनपद में काबिज हुक्मरान कार्यवाही से कतराते नजर आ रहें हैं…..कुल मिलाकर अगर कहें तो प्रशासन बहरा गूंगा बना खनन माफियाओं की जी हुजूरी में लगा हुआ है…..और माफिया अवैध खनन परिवहन करके राजस्व को चूना लगाकर चैंन की बंसी बजा रहें हैं। ओवरलोडिंग के चलते जहां योगी सरकार में सड़के खस्ताहाल हो चलीं हैं वहीं धूल की चादर उड़ने के चलते खेत खलिहान में लगी फसलें भी तबाह और बर्बाद हो रहीं हैं। ऐशिया की दूसरे नम्बर की ग्रेनाइट मंडी कहे जाने वाले भरतकूप में योगी सरकार के फरमानों को खूंटी पर टांग दिया गया है। फसलें बर्बाद होने से किसानों को काफी बुरे दौर से गुजरना पड़ रहा है बाउजूद उसके जिले में काबिज हुक्मरानों द्वारा कोई सुध नही ली जा रही है। भरतकूप के ग्रामीणों का आरोप है की खेत के पास लगे हुए क्रेशर प्लाट के चलते उनकी फसल दिन ब दिन बर्बादी की कगार पर जा पहुची हैं।

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कई बार जिले के आला अधिकारियों से इसकी शिकायत सीधे तौर पर की जा चुकी है लेकिन हालात आज भी जस के तस बने हुए हैं। बुंदेलखण्ड का अति पिछड़ा जिला कहा जाने वाला चित्रकूट अवैध कारोबार और प्रशासनिक अनदेखी की मिसाल पेश करता नजर आ रहा है। ओवरलोड ट्रको के फर्राटा भरने के चलते ट्राफिक जाम जैसी समस्या तकरीबन हर रोज बनी है। दिन राज बालू और ग्रेनाइट से खचाखच भरे ट्रकों से अवैध खनन परिवहन का काला कारोबार गुलजार हो चला है। राजस्व चोरी को खुलेआम अंजाम दिया जा रहा है तो वहीं जनपद में काबिज अफसरान अभी भी ध्रतराष्ट्र बने राजस्व के चीरहरण पर चुप्पी साधे बैठें हैं । अखिलेश सरकार के बाद सत्ता के शिखर पर काबिज योगी राज में भी भृष्टाचार के मंत्रों का उच्चारण किया जा रहा है। भविष्य में इस चोरी पर कितनी लगाम लगेगी ये तो आने वाला वख्त ही तय करेगा वहीं दूसरी ओर राजस्व चोरी के इस मामले पर जिला प्रशासन निष्क्रिय और नाकारा नजर आ रहा है।

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