नम्बर चार बगैर कैसे नम्बर वन बनेगी टीम इंडिया? विराट की विराट परेशानी

टीम इंडिया के लिए मिडिल आर्डर काफी समय से बड़ी दिक्कत साबित हो रहा है | खासकर नंबर-4 पर बल्लेबाजी में लगातार अस्थिरता रही है और काफी बदलाव हुए है। इस क्रम पर बहुत फेरबदल होते रहे हैं।

खल रही है युवराज की कमी

युवराज के जाने के बाद से टीम इंडिया को नंबर 4 के बल्लेबाज़ की खोज है , जो अभी तक पूरी नही हुई है। नंबर 4 की पोजीशन एकदिवसीय मैचों में बहुत अहम होती है। नंबर 4 के बल्लेबाज से उम्मीद की जाती है कि वह 80-90 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। वनडे में बीच के ओवरों में उसकी तकनीक स्पिनरों और तेज गेंदबाजों के खिलाफ बहुत शानदार हो। बीच के ओवरों में वह स्ट्राइक को रोटेट करता हो और जरूरत पड़ने पर चौके और छक्के भी लगाता हो।

कोई भी बल्लेबाज़ नही कर पाया कमाल

भारतीय वनडे टीम में लंबे समय से नंबर चार का बल्लेबाजी क्रम सिरदर्द बना हुआ है। 2019 वर्ल्ड कप में भारत की इसी कमजोरी ने उनका सपना तोड़ दिया था।
2019 वर्ल्ड कप में केएल राहुल, विजय शंकर और ऋषभ पंत को नंबर-4 पर अधिक से अधिक मौके दिए गए लेकिन कोई भी बल्लेबाज उसे भुनाने में कामयाब नहीं हो पाया। धवन के 2019 वर्ल्ड कप से बाहर होने के कारण राहुल को नंबर 4 से ओपनिंग में शिफ्ट होना पड़ा।

2015 से चल रही है नंबर 4 की खोज

2015 – वर्ल्ड कप के बाद भारत नंबर-4 पर बल्लेबाज़ी के लिए अब तक 13 बल्लेबाज़ों को आजमा चूका है। वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे टीम में नंबर 4 के बल्लेबाज के तौर पर केएल राहुल, श्रेयस अय्यर और मनीष पांडे को शामिल किया गया है। देखने वाली बात होगी की क्या वेस्ट इंडीज से सीरीज में इंडियन टीम को मिलेगा उसका नंबर 4

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