कम्प्यूटर चोर निकला BJP नेता.. 16 साल छोटी लड़की से लव मैरिज, पत्नी की संदिग्ध मौत! खुला राज..

डिंडौरी (मध्य प्रदेश) – भाजपा के पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष और उपसरपंच दशरथ राठौर की पत्नी की मौत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। संगीता राठौर की मौत के बाद पुलिस ने दशरथ की पुरानी क्राइम फाइल दोबारा खोल दी है। खुलासे में सामने आया है कि भाजपा नेता दशरथ राठौर एक समय चोर गिरोह का सरगना था। सरकारी दफ्तरों से कंप्यूटर चोरी के 10 मामले उसके नाम दर्ज हैं। अब उसकी पत्नी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने दशरथ को फिर से कटघरे में खड़ा कर दिया है।

शुरुआत एक प्रेमविवाह से, अंत रहस्यमयी मौत पर

साल 2022 में दशरथ राठौर ने अपने से 16 साल छोटी संगीता से शादी की थी। शादी के समय दशरथ की उम्र 35 और संगीता महज 19 साल की थी। संगीता की मां रमनी बाई के मुताबिक, “मैंने मना किया था, लेकिन घर के बड़ों ने बेटी की शादी दशरथ से कर दी। अब देखो क्या हाल हो गया।” संगीता की मां का गला बार-बार रुक जाता है, आंखें सूजी हुई हैं और दुख से भरी आवाज में वह बार-बार कहती हैं – “उसने मेरी बेटी को कभी पत्नी नहीं माना।”

ससुराल में बेरुखी, हिंसा और आर्थिक दबाव

परिवार के बयान से पता चलता है कि शादी के बाद से ही संगीता गुमसुम रहने लगी थी। दशरथ कई-कई दिन घर नहीं आता था। एक साल पहले से तो वह 10-15 दिन तक गायब रहता था। संगीता को सास से उलाहने मिलते थे – बच्चा क्यों नहीं हो रहा, कमी तुझमें है। साथ ही मायके से पैसे लाने का दबाव भी डाला जाता था।

एक बार पिता राजा बलि को दशरथ ने धमकाते हुए कहा – “पांच लाख का इंतजाम करो वरना अंजाम भुगतना होगा।” चार दिन बाद संगीता की मौत की खबर आई। दशरथ ने फोन कर सिर्फ इतना कहा – “संगीता मर गई, फांसी लगा ली।”

परिजन बोले – ये आत्महत्या नहीं, हत्या है

राजा बलि का दावा है कि संगीता ने खुदकुशी नहीं की, उसे मारा गया है। “मोबाइल छीन लिया गया था, बात भी नहीं हो पा रही थी।” घटना से ठीक चार दिन पहले संगीता ने एक अनजान नंबर से कॉल किया था। उसके बाद संपर्क टूट गया।

पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर सुरेश मरावी का कहना है – “हैंगिंग दोनों सूरतों में हो सकती है – खुद फांसी लगाना या लटकाया जाना। शरीर में ज्यादा चोट नहीं लेकिन खून बहा है, जो संदेह खड़ा करता है।” अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच पर सबकी निगाहें टिकी हैं।

क्राइम फाइल खुली: चोर गिरोह का सरगना निकला भाजपा नेता

डिंडौरी पुलिस ने दशरथ की पुरानी क्राइम फाइल फिर से खोल दी है। पुलिस रिकॉर्ड्स बताते हैं कि साल 2007-08 में दशरथ सरकारी दफ्तरों से कंप्यूटर चुराने वाले गिरोह का लीडर था। कटनी, शहडोल और डिंडौरी में 10 केस दर्ज हुए थे। करीब एक महीने जेल में रहा और कोर्ट से जुर्माना भी लगा।

2019 में SDM कोर्ट से उसे चेतावनी दी गई और प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई। लेकिन इसके बाद उसने राजनीति का रास्ता चुना और भाजपा का सदस्य बन गया।

भाजपा से जुड़ने के बाद बढ़ा रसूख

7वीं पास दशरथ राठौर एक कलाकार था जो पत्थर और मिट्टी की मूर्तियां बनाता था। बाद में फ्लैक्स-बैनर का काम शुरू किया। भाजपा नेताओं से नजदीकी बढ़ी और 2019 में पार्टी जॉइन कर ली। 2021 में पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक मोर्चा का जिलाध्यक्ष बना और फिर ग्राम पंचायत का उपसरपंच चुना गया।

अब वही दशरथ, जो पहले भाजपा नेताओं के फ्लैक्स बनाता था, खुद फ्लैक्स पर छपने लगा। पुलिस में इतनी पकड़ कि अधिकारी उसकी जानकारी तो देते हैं, लेकिन नाम बताने से डरते हैं।

 

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