मोदी ने क्यों कहा, चांद पर जाएगा सबसे गरीब देश भूटान!

2 दिन के विदेशी दौरे के लिए भूटान पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भूटान में आज दूसरा और आखिरी दिन है। सुबह पीएम मोदी रॉयल यूनिवर्सिटी थिंपू पहुंचे जहाँ उन्होंने वहां का छात्रो को सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने सभी में विश्वास दिखाते हुए कहा कि उन्हें यकीन है कि जल्द भूटान के वैज्ञानिक भी सेटेलाइट बनाएंगे और दुनिया के सामने अपनी अलग पहचान बनाएँगे। उन्होंने साथ ही ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि भूटान के युवा वैज्ञानिक अपने छोटे उपग्रह को डिजाइन करने और उसे लॉन्च करने के लिए भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि जल्द ही आप में से कई वैज्ञानिक, इंजीनियर और इनोवेटर्स होंगे जो देश ही नहीं बल्कि दुनिया के सामने भी मिसाल पेश करेंगे।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘मैं उम्मीद करता हूं कि भूटान के वैज्ञानिक भी सेटेलाइट बनाएंगे। हमने दक्षिण एशिया उपग्रह के थिंपू ग्राउंड स्टेशन का उद्घाटन किया और अपने अंतरिक्ष सहयोग का विस्तार किया। उपग्रहों के जरिए टेली मेडिसिन के लाभ, दूरस्थ शिक्षा, मानचित्रण, मौसम पूर्वानुमान और प्राकृतिक आपदाओं की चेतावनी आदि सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।’ उन्होंने बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि आज के समय में अवसरों की कमी नहीं है। भारत और भूटान के लोगों के बीच बेहतरीन जुड़ाव है। भारत गरीबी उन्मूलन के लिए तेजी से काम कर रहा है और भारत भूटान के साथ मिलकर कई अहम मुद्दों पर काम करेगा। वहीं अपनी किताब एग्जाम वॉरियर्स की चर्चा करते हुए उन्होंने छात्रों से परीक्षा को लेकर तनाव न लेने की बात कही। पुस्तक के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह पुस्तक उन्होंने बुद्ध की शिक्षा से प्रेरित होकर लिखी थी।

समझौते भी किए हैं

इस यात्रा के पहले दिन पीएम मोदी ने 9 एमओयू पर दस्तखत किए। इनमें से एक समझौते के तहत इसरो थिम्पू में अर्थ स्टेशन बनाएगा। इसके अलावा दोनों देशों के बीच एक बिजली खरीद समझौता भी हुआ। अन्य समझौते के तहत विमान हादसे और दुर्घटना की जांच, न्यायिक शिक्षा, अकादमिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान, विधिक शिक्षा और शोध के क्षेत्र में एमओयू किए गए। इनकी जानकारी भूटान में स्थित भारतीय राजदूत रुचिरा कुमार ने पहले दी थी। इन एमओयू पर हस्ताक्षर करने से भूटान और भारत के सम्बन्ध और मज़बूत होंगे।

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