MLC यशवंत सिंह भाजपा ने पार्टी से 6 साल के लिए किया निष्कासित, ये हैं बड़ी वजह

बीजेपी ने MLC यशवंत सिंह को 6 साल के लिए किया निष्कासित, जानें क्यों?

आजमगढ़: यूपी विधानसभा में प्रचंड जीत के बाद बीजेपी का पूरा फोकस विधान परिषद चुनाव पर है. दरअसल 9 अप्रैल को यूपी विधान परिषद की 36 सीटों के लिए वोटिंग की जाएगी. हालांकि इसमें से बीजेपी ने 9 सीटों पर निर्विरोध जी हासिल कर ली है और बाकी 27 सीटों के लिए उसने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. वहीं, इस दौरान पार्टी को आजमगढ़-मऊ सीट पर अपने ही एमएलसी की वजह चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से बीजेपी ने एमएलसी यशवंत सिंह को 6 साल के लिए पार्टी से निष्‍कासित कर दिया है.

जानकारी के मुताबिक यूपी विधान परिषद चुनाव में आजमगढ़-मऊ सीट से बीजेपी ने अपने पूर्व विधायक अरुणकांत यादव को मैदान में उतारा है. वहीं, पार्टी के एमएलसी यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत सिंह भी बागी होकर मैदान में कूद गए हैं. इसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्‍वतंत्र देव सिंह के निर्देश पर सिंह के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई की गई है. अरुणकांत यादव सपा विधायक व बाहुबली रमाकांत यादव के बेटे हैं.

एमएलसी यशवंत सिंह पर लगा ये बड़ा आरोप

इसके अलावा बीजेपी ने एमएलसी यशवंत सिंह पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार करने का आरोप लगाया है. दरअसल सिंह अपने बेटे व निर्दलीय उम्मीदवार विक्रांत सिंह के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं. वहीं, 2017 में यशवंत सिंह सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे.

जानकारी के मुताबिक विक्रांत सिंह ने एमएलसी के लिए नामांकन करने के बाद कहा था कि वह पिछले काफी दिनों से चुनाव की लगातार मेहनत कर रहे थे, लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष व एमएलसी का टिकट सिर्फ इस वजह से काट दिया गया. क्‍योंकि मेरे पिता एमएलसी हैं. इसलिए मैंने जनता के आर्शिवाद से निर्दलीय ही नामांकन दाखिल किया है. इसके साथ विक्रांत सिंह ने कहा कि मैं जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था और 10 हजार वोटों से जीत भी दर्ज की थी.

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