आंध्र प्रदेश के तिरुपति में भूकंप के हल्के झटके, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.6

तिरुपतिः दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, ये हल्की कैटिगरी का भूकंप था. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 मापी गई. सेंटर के मुताबिक, इसका केंद्र आंध्र प्रदेश में तिरुपति के उत्तर-पूर्व में था, जो अपने तिरुमला मंदिर से लिए विश्वविख्यात है. शनिवार-रविवार की रात 1 बजकर 10 मिनट पर ये झटके महसूस किए गए. भूकंप विज्ञान के राष्ट्रीय केंद्र ने ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए बताया कि आंध्र प्रदेश में आया ये भूकंप धरती की सतह से 20 किलोमीटर नीचे दर्ज किया गया. इसका केंद्र तिरुपति से 85 किलोमीटर दूर था. यह भूकंप काफी कम तीव्रता का था. इससे किसी संपत्ति या जानमाल के नुकसान की अब तक खबर नहीं है.

सीस्मोलॉजी सेंटर के मुताबिक, इससे पहले 1 अप्रैल को अंडमान निकोबार में 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था. सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर दर्ज किए गए इस भूकंप का केंद्र दिगलीपुर से 110 किलोमीटर दूर दक्षिण-पूर्व की तरफ था. बता दें कि धरती के अंदर प्लेटों के टकराने की वजह से मुख्य तौर पर भूकंप आते हैं. पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. जब ये किसी जगह पर आपस में टकराती हैं तो वहां फॉल्ट जोन बन जाता है. इनके टूटने से एनर्जी बाहर की तरफ आती है, जिससे धरती हिलती है और हमें भूकंप का अहसास होता है. भूकंपों को कई कैटिगरी में बांटा जाता है. रिक्टर स्केल पर 2 पॉइंट से कम के भूकंप को माइक्रो और 2 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कहा जाता है. ये आते रहते हैं लेकिन हमें महसूस नहीं होते.

भूकंपों से नुकसान की आशंका नहीं

3.0 से 3.9 तीव्रता वाले भूकंप वैरी लाइट और 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले भूकंप लाइट कैटिगरी के होते हैं. इन दोनों श्रेणियों के भूकंपों को महसूस तो किया जाता है लेकिन उनसे नुकसान की आशंका नहीं होती. 5.0 से 5.9 तीव्रता के भूकंप मॉडरेट कैटेगरी के कहलाते हैं, इनसे कमजोर इमारत गिर सकती हैं. स्ट्रांग भूकंप 6.0 से 6.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो तबाही मचाते हैं. 7.0 से 7.9 तीव्रता के भूकंप मेजर कहलाते हैं, जो गंभीर तबाही का कारण बनते हैं.

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