Maharashtra Political Crisis :- दो दिन पहले ही हुई शिंदे की आदित्य और संजय से बहस का हुआ खुलासा

आखिर किस बात को लेकर आदित्य और संजय राउत से एकनाथ शिंदे की बहस हुई थी इसका खुलासा हो गया है।

Maharashtra Political Crisis 2 days ago Shinde debate Aditya and Sanjay :- उद्धव ठाकरे की सरकार में बागी मंत्री एकनाथ शिंदे ने महाविकास अघाड़ी सरकार को संकट में डाल दिया है। नौबत ये है कि उद्धव ठाकरे सरकार को गिरने से सिर्फ एकनाथ ही बचा सकते हैं। मगर ऐसा होना नामुमकिन दिख रहा है।

आपको बता दें प्राप्त जानकारी के मुताबिक विद्रोह से ठीक दो दिन पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे और शिवसेना सांसद संजय राउत के साथ पवई के एक होटल में एकनाथ शिंदे की तीखी बहस हुई थी l जहां शिवसेना के विधायक ठहरे हुए थे। उन विधायकों को विधानपरिषद चुनाव के लिए होटल में ठहराया गया था।

Maharashtra Political Crisis

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2 days ago Shinde debate Aditya and Sanjay :-

एक सूत्र ने बताया कि कांग्रेस पार्टी के लिए अतिरिक्त वोटों का उपयोग करने को लेकर एकनाथ शिंदे और आदित्य ठाकरे के बीच में विवाद हुआ था। शिंदे कांग्रेस कैंडिडेट को वोट देने का विरोध कर रहे थे। आपको बता दें कांग्रेस उम्मीदवार भाई जगताप को उनकी जरूरत के वोट मिले परंतु दूसरे उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे चुनाव हार गए।

क्यों हुई बहस ? :-

सूत्र ने कहा, “दो दिन पहले विधान परिषद चुनावों के लिए वोटों के उपयोग पर मुंबई के एक होटल में बातचीत हो रही थी। एकनाथ शिंदे की संजय राउत और आदित्य ठाकरे से असहमति थी। शिंदे कांग्रेस के उम्मीदवारों को एमएलसी के रूप में चुने जाने के लिए शिवसेना के विधायकों के वोटों का उपयोग करने के खिलाफ थे। दोनों पक्षों के बीच की यह बहस तीखी नोकझोंक में बदल गया। ऐसा लगता है कि यह विद्रोह का एक निर्णायक कारक हो सकता है।”

सूत्र ने कहा कि शिवसेना में जो कुछ भी हो रहा था उससे एकनाथ शिंदे पिछले कुछ महीनों से नाराज चल रहे थे। वह नाखुश थे। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी इसके बारे में सचेत कर दिया था।

कांग्रेस के पास केवल एक कैंडिडेट के लिए जरूरी मत थे। हालांकि, उसने दो उम्मीदवार मैदान में उतारे। कांग्रेस द्वारा जारी की गई सूची में पहले उम्मीदवार के रूप में हंडोरे का नाम था। लोगों को लग रहा था कि वह चुनाव जीतेंगे। जबकि दूसरे उम्मीदवार भाई जगताप को कड़ी लड़ाई का सामना करना पड़ेगा क्योंकि उन्हें जीतने के लिए पार्टी के सहयोगियों से वोटों की आवश्यकता होगी।

लेकिन जगताप विजयी हुए और हंडोरे हार गए। बीजेपी ने पांच सीटें जीती थीं, वहीं शिवसेना और एनसीपी ने दो-दो सीटें जीती थीं।

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