एचएएल के इस हेलीकॉप्टर ने तीन दिनों के भीतर यूँ लहरा दिया परचम

एचएएल(HAL) द्वारा निर्मित और विकसित लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर (LUH) ने हिमालय(Himalayas) में गर्म और उच्च मौसम की स्थिति में उच्च ऊंचाई क्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया। 24 अगस्त से 2 सितंबर तक का ये परीक्षण एचएएल(HAL), भारतीय वायु सेना(IAF) और सेना के टेस्ट पायलटों द्वारा किया गया। हेलीकॉप्टर ने बेंगलुरु(Bangalore) से लेह(Leh) तक 3000 किमी की अपनी उड़ान में कई नागरिक और सैन्य हवाई क्षेत्रो को पार करने में तीन दिनों का समय लिया।

एचएएल के सीएमडी श्री आर माधवन ने बताया कि ‘LUH ने उपयोगकर्ताओं की सभी आवश्यकताओं का अनुपालन किया है। गर्म और ज़्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्र में परीक्षण के पूरा होने के साथ ही इस हेलीकाप्टर को परिचालन मंजूरी प्रमाण पत्र मिल जाएगा।’ अंतर्राष्ट्रीय मानक वायुमंडल (ISA) +32 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में लेह (3300 मी) पर एक व्यापक परीक्षण योजना निष्पादित की गई जिसमें एनवलप एक्सटेंशन, प्रदर्शन और उड़ान के कई दूसरे गुण शामिल थे। लेह से उड़ान शुरू कर LUH ने दौलत बेग ओल्डी (DBO) एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (ALG) और उसके बाद एक अन्य फॉरवर्ड हेलीपैड (आईएसए / 27 डेग्री सी पर 5500 मी) पर अपनी होवर गुणवत्ता(Hover Qualities) का प्रदर्शन किया। इन चरम मौसम-स्थितियों में अन्य सभी नागरिक और सैन्य विमानों की उड़ान क्षमता ख़त्म हो गई थी, लेकिन ऐसी ही स्थितियों के लिए बना एलयूएच बिना किसी बाधा के उड़ानें भरता रहा।

कई उड़ान परीक्षण किए पूरे

इस ट्रायल के दौरान टीम में हेलीकाप्टर(Helicopter) के डिज़ाइनर, एचएएल, भारतीय वायु सेना(Indian Air Force) और भारतीय सेना(Indian Army) उड़ान परीक्षण चालक दल शामिल थे। इस दौरान CEMILAC और ORDAQA के प्रतिनिधियों ने सैन्य और नागरिक सर्टिफिकेशन आवश्यकताओं के लिए परीक्षण देखा। इन उड़ानों को Wg Cdr (Retd) उन्नी पिल्लई, CTP (RW) के नेतृत्व में Wg Cdr (Retd) अनिल भंबानी, ग्रुप कैप्टन (सेवानिवृत्त) पुपिन्दर सिंह, Gp कैप्टन वी. पंवार, Wg Cdr ए. जेना, भारतीय वायु सेना के प्रतिनिधि जीपी कैप्टन आर दुबे और भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल आर ग्रेवाल की अगुवाई में HAL की उड़ान परीक्षण टीम द्वारा पूरा किया गया। गौरतलब है कि LUH ने 2018 में नागपुर में गर्म मौसम में उड़ान परीक्षण पूरा किया था। इसके बाद 2019 में लेह में ठंडे मौसम में उड़ान परीक्षण, और समुद्र स्तर पर उड़ान परीक्षण 2018 में चेन्नई और 2019 में पुदुचेरी में पूरा किया था।

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