विदेशी लड़कियों की करवाता प्लास्टिक सर्जरी.. फिर होता गंदा काम, फेमस डॉक्टर बना ‘सेक्स रैकेट’ का मास्टरमाइंड

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक हाई-प्रोफाइल सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ है, जिसमें उज्बेकिस्तान की दो विदेशी महिलाएं शामिल हैं। आरोप है कि इन महिलाओं का चेहरा बदलने के लिए प्लास्टिक सर्जन की मदद से पहचान छुपाई गई, ताकि वे बिना पासपोर्ट और वीज़ा के रह सकें और देह व्यापार में जुटी रह सकें। छापेमारी के बाद यह मामला मानव तस्करी, विदेशी तस्करी और लैंगिक अपराध की गंभीर कड़ी बना।
डॉ. विवेक, अर्जुन और ‘लोलो’
डॉ. विवेक गुप्ता नामक प्लास्टिक सर्जन पर आरोप है कि उन्होंने उज्बेकिस्तान की होलिडा और निलोफर की पहचान बदलने के लिए सर्जिकल इंटरवेंशन किया, ताकि वे भारतीय दिखें।
इस रैकेट में मध्यस्थ और एजेंट अरजुन राणा (थ्रिजिन राज) और लोलोया कायुमोवा शामिल थीं। लोलोया पर उज्बेकिस्तान में लुकआउट नोटिस भी जारी था।
छापेमारी और गिरफ्तारी का विवरण
21 जून को FRRO और लखनऊ पुलिस ने Omaxe Hazratganj के एक फ्लैट पर छापा मारा, जहाँ यह रैकेट सक्रिय था। फ्लैट में होलिडा और निलोफर पकड़ी गईं, जबकि डॉ. विवेक और अरजुन फरार रहे।
पुलिस ने छानबीन में पता लगाया कि फ्लैट बिना किसी अनुमति अथवा स्थानीय सूचना के इस्तेमाल हो रहा था।
आरोप और कानूनी धाराएँ
FIR में ये आरोप शामिल हैं:
Cheating (318(4) BNS), Criminal conspiracy (61 BNS)
गैर-कानूनी विदेशी निवास (Foreigners Act 1939/1946)
अप्रवासी नियमों का उल्लंघन (Immigration and Foreigner Act 2025)
संबंधित एजेंसियों द्वारा वीडियो रिकॉर्डिंग, ड्रोन फुटेज और इंटेलिजेंस थ्रू FRRO जैसी गहन जांच जारी है।
मानव तस्करी और सेक्स रैकेट की गंभीरताएँ
आरोपियों ने आरोपियों का दावा है कि ये महिलाएं दो साल पहले भारत आई थीं, और इनके पासपोर्ट व वीज़ा खो जाने के बाद, यह रैकेट सक्रिय हो गया।
पुलिस यह भी जांच रही है कि फ्लैट में और कितनी महिलाएं रहें, और क्या इसका कानूनी उद्देश्य था या मानव तस्करी।
आगे की जांच और संभावित पहल
पुलिस और FRRO मिलकर अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क, दस्तावेज़ों की फॉरेंसिक सत्यता और गत संबंधों की तह तक जा रही है।
उज्बेकिस्तान सरकार, इंटरपोल एवं अन्य एजेंसियों के सहयोग से लोलोया की गिरफ्तारी भी प्राथमिकता है।
पकड़ी गई महिलाओं को फॉरेंसिक और मेडिकल जांच के बाद संभावित डिपोर्टेशन किया जाएगा।