बालविवाह रुकवाने को विधिक प्राधिकरण ने कसरत शुरु की

अजमेर,  राजस्थान में अबूझ सावों के चल रहे दौर के बीच अजमेर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बाल विवाह पर प्रभावी रोक के लिए कसरत शुरू कर दी है।

राजस्थान राज्य एवं अजमेर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त प्रयासों के चलते प्राधिकरण के सचिव रामपाल जाट ने बाल विवाह को रोकने के लिए ऑनलाइन जागरूकता शिविर का आयोजन किया। उन्होंने बाल विवाह की सामाजिक बुराई से संबंधित कड़े कानूनों की जानकारी देते हुए कहा कि कानूनों के बावजूद हमारी सामाजिक चेतना के जरिए इस बुराई काउनमूलन किया जा सकता है तथा बाल विवाह निषेध अभियान को सफल भी बनाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि अजमेर प्राधिकरण की ओर से आज बाल विवाह रोकथाम के लिए ‘हमारी रुढ़ियां हमारी बेढ़ियां’ पर ऑनलाइन विधि के छात्र छात्राओं से संवाद करते हुए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006, पोक्सो एक्ट 2012 विषयक जानकारी साझा की।

जाट ने कहा कि बाल विवाह कानूनन अपराध है। पुलिस द्वारा बिना किसी वारंट के गिरफ्तारी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह से बच्चों के मूलभूत अधिकारों का हनन होता है और उनका प्राकृतिक विकास बाधित होता है। उन्होंने संयुक्त प्रयासों से लोगों में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में इस कुरीति के प्रति बदलाव के लिये जागरुकता लाने की आवश्यकता है।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में शादियों का दौर शुरू हो चुका है और 14 मई को आखा तीज का अबूझ सावा है जिस दिन बड़ी संख्या में बाल विवाह होते आए हैं।

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