Video: मंत्री जी की मोदी-शाह से अनोखी अपील, कहा – “फिदायीन बनकर पाकिस्तान में फट जाऊंगा”

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है। इसी बीच कर्नाटक सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बी. ज़ेड. जमीर अहमद खान ने एक चौंकाने वाला बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह उन्हें अनुमति दें तो वह खुद को फिदायीन बम बनाकर पाकिस्तान पर हमला करने को तैयार हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिए गए इस नाटकीय बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

“मोदी-शाह मुझे आत्मघाती बम दें”: जमीर अहमद

मंत्री जमीर अहमद खान ने अपने बयान में कहा, “अगर मोदी जी और अमित शाह जी मुझे इजाजत दें तो मैं बॉर्डर पार जाकर पाकिस्तान पर हमला करूंगा। मुझे आत्मघाती बम दीजिए, मैं उसे पहनकर पाकिस्तान जाऊंगा।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत का हमेशा से दुश्मन रहा है और अब वक्त आ गया है कि उसे करारा जवाब दिया जाए।

“मैं मजाक नहीं कर रहा, यह मेरी गंभीर भावना है”

जब प्रेस वार्ता में मौजूद लोग मंत्री के बयान पर मुस्कराने लगे तो उन्होंने तुरंत स्पष्ट किया कि यह कोई मजाक नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं मजाकिया अंदाज़ में नहीं बोल रहा, मैं बहुत गंभीर हूं। देश के लिए जान देने को तैयार हूं।” मंत्री ने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए अब हर भारतीय को एकजुट होना होगा और निर्णायक कार्रवाई की जरूरत है।

“हम हिन्दुस्तानी हैं, पाकिस्तान से कोई रिश्ता नहीं”

मंत्री जमीर अहमद खान ने पाकिस्तान के प्रति नाराज़गी जताते हुए कहा कि हम सभी हिन्दुस्तानी हैं और पाकिस्तान से हमारा कोई नाता नहीं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा पीठ पीछे वार किया है और अब भारत को निर्णायक कदम उठाना चाहिए। उन्होंने खुद को देश के लिए बलिदान करने को भी तत्पर बताया।

सियासत गरम, बयान पर हो रही तीखी प्रतिक्रिया

मंत्री के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया पर भी लोग उनके बयान को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग इसे राष्ट्रभक्ति बता रहे हैं तो कई इसे सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश मान रहे हैं।

बयान से भले चर्चा में आए, लेकिन सवाल भी उठे

जमीर अहमद खान का यह बयान निश्चित रूप से भावनात्मक और तीखा है, लेकिन क्या कोई मंत्री इस तरह फिदायीन बनने की बात कर सकता है? सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या इस तरह की भाषा एक जिम्मेदार राजनेता को शोभा देती है? हालांकि मंत्री ने इसे अपनी देशभक्ति का सबूत बताया है, लेकिन सियासी विरोधी इसे गैरजिम्मेदाराना करार दे रहे हैं।

 

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