हवा में अचानक हुए प्लेन के दोनों इंजन फेल.. थम गईं 150 यात्रियों की सांसे, पायलट ने ऐसे बचाई सबकी जान

जयपुर से चंडीगढ़ जा रही इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट में शुक्रवार को उस समय हड़कंप मच गया जब हवा में ही विमान के दोनों इंजन फेल हो गए। फ्लाइट नंबर 6E-7742 ने सुबह 6 बजे जयपुर एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी, लेकिन लैंडिंग से महज 15 मिनट पहले इंजन फेल होने की वजह से विमान में बैठे 150 यात्रियों की जान पर बन आई। पायलट की सूझबूझ और तेज़ फैसले से विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई और सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

हवा में बंद हो गए दोनों इंजन, फ्लेम आउट से मचा हड़कंप

फ्लाइट टेकऑफ के एक घंटे बाद जैसे ही विमान चंडीगढ़ एयरस्पेस में पहुंचा, पायलट ने देखा कि एक इंजन में अचानक फ्लेम आउट हो गया। तुरंत ही दूसरा इंजन भी फेल हो गया। हवा में दोनों इंजन फेल होने के कारण यात्रियों और क्रू मेंबर्स में अफरा-तफरी मच गई।

पायलट ने तुरंत ATC (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) से संपर्क किया और इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति मांगी। इसके बाद सभी सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए विमान को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर सुरक्षित उतारा गया।

इमरजेंसी गेट से रेस्क्यू, मौके पर अलर्ट मोड में रही पूरी टीम

फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग से पहले ही रनवे पर फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस, एयरपोर्ट स्टाफ और सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया था। विमान के सुरक्षित लैंड करते ही यात्रियों को इमरजेंसी गेट से बाहर निकाला गया और उनकी जांच की गई। किसी को कोई गंभीर चोट नहीं आई।

पायलट ने बताया कि भारी बारिश और खराब मौसम के चलते इंजन में तकनीकी खराबी आई होगी। यह घटना विमानन सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।

DGCA ने दिए जांच के आदेश, कंपनी और एयरलाइन से मांगी रिपोर्ट

विमान के दोनों इंजन एक साथ फेल होना बेहद गंभीर मामला है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

DGCA ने पूछा है कि—
  • क्या फ्लाइट से पहले तकनीकी जांच हुई थी?
  • क्या इंजन फेल होने के पीछे मौसम कारण था या कोई लापरवाही?
  • क्या ATR-72 विमान मॉडल में कोई पुरानी तकनीकी गड़बड़ी है?

साथ ही विमान बनाने वाली कंपनी को भी विस्तृत जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।

पायलट की सूझबूझ ने बचाई 150 जानें

इस हादसे में सबसे बड़ी भूमिका फ्लाइट के पायलट की रही, जिनकी तेजी और निर्णय क्षमता ने 150 मुसाफिरों को सुरक्षित बचाया। पायलट ने न केवल इंजन फेल होने की स्थिति को संभाला, बल्कि ATC के निर्देशों के अनुसार समय रहते इमरजेंसी लैंडिंग भी कराई।

यात्रियों ने विमान से निकलने के बाद राहत की सांस ली और पायलट को धन्यवाद कहा।

एयरलाइन की लापरवाही या तकनीकी चूक? सवाल कायम

हालांकि इस हादसे में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन सवाल यह है कि क्या एयरलाइंस ने टेकऑफ से पहले विमान की पूरी जांच नहीं करवाई थी? क्या किसी तकनीकी टीम की गलती से यात्रियों की जान खतरे में पड़ गई?

DGCA की जांच रिपोर्ट से ही यह साफ होगा कि यह घटना एक संयोग थी या गंभीर लापरवाही।

इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि भारत में उड़ानों की सुरक्षा पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है। विमान उड़ान भरने से पहले सभी तकनीकी जांच और आपातकालीन व्यवस्थाएं मजबूत हों, तभी यात्रियों का विश्वास बना रह सकता है।

 

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