कानपुर हिंसा की जांच में हुए ये हैरतंगेज खुलासे, प्रशासन भी सकते में….

कानपुर: बीते 3 जून को यूपी के कानपुर में हुई हिंसा को लेकर बहुत ही हैरतंगेज खुलासा हुआ है। इस खुलासे से यह पता लगा है तीन जून की हिंसा में...

investigation of Kanpur violence कानपुर: बीते 3 जून को यूपी के कानपुर में हुई हिंसा को लेकर बहुत ही हैरतंगेज खुलासा हुआ है। इस खुलासे से यह पता लगा है तीन जून की हिंसा में पत्थरबाजी और बम बारी के लिए बच्चों का सहारा लिया गया था। सोशल मीडिया में चल रहे वायरल वीडियो, फोटो और सीसीटीवी ने इस बात की तस्दीक की है।

investigation of Kanpur violence एनसीपीसीआर का आदेश :-

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के आदेश पर जब पुलिस ने इसकी जांच शुरू की तो उससे होने वाले खुलासे से वे भी दंग रह गए।

जांच में हुए खुलासे से यह पता चला है कि हिंसा कराने के लिए बच्चों को पैसे तो दिए ही गए थे बल्कि उन्हें उससे पहले बच्चों को बिरयानी भी खिलाई गई थी। इतना ही नहीं उन बच्चों को हिंसा से पूर्व कट्टरता का पाठ भी पढ़ाया गया था। ऐसी कट्टरता का पाठ आतंकवादियों द्वारा कश्मीर में पत्थरबाजी करने के लिए सिखाया जाता है। जिसके बाद अब कानपुर के मदरसे में पढ़ने वाले बच्चे भी पुलिस को रडार पर आ गए हैं।

क्यों होता है बच्चों का इस्तेमाल :-

आपके बता दे कि ये लोग बच्चों का इस्तेमाल इसलिए करते हैं क्यों बच्चों के प्रति पुलिस कड़ी कार्रवाई नही कर सकती है और इन बच्चों से कोई भी काम आसानी से कराया भी जा सकता है। बच्चे हमेशा ही हिंसा के लिए सॉफ्ट टारगेट होते हैं। इन सब कारणों को वजह से ही हिंसा के लिए बच्चों को उकसाया गया।

मालूम हो, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश के बाद प्रशासन ने कानपुर में तीन जून को हुई हिंसा में शामिल लोगों की संपत्तियों को जब्त (सील) करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। संयुक्त पुलिस आयुक्त (क़ानून-व्यवस्था) आनन्द प्रकाश तिवारी ने रविवार को बताया कि कानपुर पुलिस ने विभिन्न क्षेत्रों में तीन संपत्ति को सील कर दिया है।

कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) के उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने कहा कि:-

हाजी वासी, शबी, सलीम और एचएस मलिक द्वारा प्राधिकरण से उचित मंज़ूरी के बिना अवैध रूप से बनाई गई संपत्ति को सील कर दिया गया है। अधिकारी ने आरोप लगाया कि हाजी वासी, शबी, सलीम और एचएस मलिक ने कानपुर हिंसा के कुछ आरोपियों को वित्तीय सहायता प्रदान की। जब्त की गई संपत्ति की निगरानी का जिम्मा संबंधित थाना प्रभारी (एसएचओ) को सौंप दिया गया है।

केडीए उपाध्यक्ष ने कहा कि”आयुक्त से अनुरोध किया गया है कि अगर कोई सीलबंद संपत्ति में प्रवेश कर निर्माण करता है तो एसएचओ को संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दें।” तीन जून को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा की आपत्तिजनक टिप्पणियों के खिलाफ बुलाए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान कानपुर में हिंसा भड़क गई थी। पुलिस ने घटना को लेकर तीन प्राथमिकी दर्ज की है और दो मास्टरमाइंड समेत 50 से ज्यादा लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है।

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