कोरोना से निपटने के लिए भारतीय सेना का ऑपरेशन नमस्ते, 30 घंटे में 8 लाख मरीज संभालने वाले अस्पताल बनाएंगे जवान

पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है। भारत में भी कोरोना पैर पसार रहा है। इससे निपटने के लिए 21 दिन का लॉक डाउन किया गया है। कोरोना से निपटने के लिए भारत पूरी तरह से कोशिश में लगा है। अब सेना भी कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार है। इसीलिए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने ऑपरेशन नमस्ते लॉन्च किया। साथ ही सभी जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। सेना ने 2 तरह से इंतजाम किए हैं। पहला  13 लाख जवानों को संक्रमण से बचाना और दूसरा, संक्रमित लोगों का क्वारंटीन कर इलाज सुनिश्चित करना। सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने सीमा पर तैनात जवानों को भरोसा दिया है कि इस समय उनके परिवार का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि पूरी योजना युद्ध स्तर की तैयारी को देखते हुए बनाई है। 24 घंटे के नोटिस पर हम कहीं भी पहुंच जाएंगे। 4 से 6 घंटे के बीच सुसज्जित अस्पताल समेत पूरी व्यवस्था जमीन पर उतार देंगे। 30 घंटे में सेना 8 लाख मरीज संभालने के लिए मॉड्यूलर अस्पताल बना सकती है। वहां सर्जरी तक की सुविधा होगी। अभी सेना के 6 क्वारटीन सेंटर्स में 1059 लोगों को रखा गया है।

रक्षा सेना मेडिकल सेवा के महानिदेशक और ले. जनरल अनूप बनर्जी ने बताया कि सेना को इस महामारी से निपटने में लगाया जाता है तो हम पूरी तैयारी है। सेना के पास पर्याप्त पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट हैं। ऐसे और भी उपकरण खरीदने की योजना तैयार है। तीनों सेनाएं चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तहत एकजुट होकर वायरस से लड़ने के लिए समन्वय कर रही हैं।

सेना, नौसेना और वायुसेना के 5 अस्पतालों में कोरोना की जांच हो सकती है। 6 बाकी अस्पताल इस सुविधा से लैस किए जा रहे हैं। वायुसेना के विमानों से दूरदराज के स्थानों से जांच नमूने लैब तक पहुंचाए जा रहे हैं, जबकि तटीय इलाकों, खासकर केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के तटवर्ती इलाकों में नौसेना जुटी हुई है।

 

 

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