पाकिस्तान के न्यूक्लियर साइंटिस्ट अब्दुल कदीर खान के मंसूबों का पता चल गया होता, तो मोसाद उन्हें मार देती

इजराइल के खोजी पत्रकार का दावा:

इजराइल के एक खोजी पत्रकार ने सनसनीखेज दावा किया है। इजराइली जर्नलिस्ट योस्सी मेलमैन ने कहा कि अगर पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कदीर खान के गलत मंसूबों का पहले ही पता चल गया होता तो मोसाद उन्हें मार चुकी होती।

हारेज अखबार में एक लेख में योस्सी मेलमैन ने लिखा कि पाकिस्तान को परमाणु शक्ति बनाने वाले अब्दुल कदीर खान ने परमाणु बम बनाने से जुड़ी गोपनीय जानकारी चोरी की और उन देशों को बेच दिया जो हमारे लिए खतरा हो सकते हैं। अगर इजराइली खुफिया एजेंसी को कदीर के इरादों का सही समय पर पता चल गया होता तो तब के मोसाद चीफ शबतई शावित उन्हें मारने के लिए तुरंत टीम भेज देते।

मोसाद चीफ ने खुद कही थी ये बात
हाऊ पाकिस्तान्स ए क्यू खान, फादर ऑफ द मुस्लिम बम, एस्केप्ड मोसाद असेसिनेशन शीर्षक वाले लेख में मेलमैन ने लिखा कि मोसाद पश्चिम एशिया में खान की यात्राओं पर नजर रख रहा था, लेकिन एक संदिग्ध परमाणु प्रसार नेटवर्क बनाने के उनकी कोशिशों को सही से पहचान नहीं सका।

उन्होंने लिखा- जैसा कि शावित ने मुझे डेढ़ दशक पहले बताया था कि मोसाद और अमान (इजराइल की सैन्य खुफिया एजेंसी) ने खान की मंशा को नहीं समझा। शावित ने बताया था कि अगर वह और उनके साथी खान की मंशा का सही-सही पता लगा लेते तो पाकिस्तानी वैज्ञानिक को मारने के लिए मोसाद की एक टीम भेजने के बारे में सोचते।

10 अक्टूबर को डॉ. अब्दुल कदीर खान का हुआ इंतकाल
अब्दुल कदीर खान वही शख्स हैं जिन्हें इस्लामिक न्यूक्लियर बम का जनक कहा जाता है। उन पर कई देशों को परमाणु तकनीक बेचने के आरोप भी लगे थे। इनमें ईरान और लीबिया जैसे देश शामिल हैं। सांस लेने में तकलीफ होने के बाद पाकिस्तान के सबसे बड़े न्यूक्लियर साइंटिस्ट डॉ. अब्दुल कदीर खान का रविवार (10 अक्टूबर) सुबह 85 साल की उम्र में निधन हो गया था।

कई देशों को परमाणु टेक्नोलॉजी बेचने का आरोप लगा था
1998 में US न्यूज वीक मैगजीन ने एक रिपोर्ट पब्लिश करके डॉ. खान पर आरोप लगाया था कि उन्होंने इराक को न्यूक्लियर सीक्रेट बेचे। कुछ साल बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने खुफिया जांच कराई, जिसमें सामने आया कि डॉ. खान ने ईरान, नॉर्थ कोरिया, लीबिया और इराक को भी न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी बेची है।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम को इजराइल अपने लिए खतरा मानता है। इजराइल ने ईरान की परमाणु बम बनाने की कोशिशों को नाकाम करने का संकल्प लिया है।

खान को मुशर्रफ ने 2002 में न्यूक्लियर प्रोग्राम से हटाया
जब डॉ खान ने अपने ऊपर लगे आरोपों को कबूला, तो तत्कालीन पाकिस्तान राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने 2002 में उन्हें न्यूक्लियर प्रोग्राम से हटा दिया। इस कबूलनामे ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया में हडकंप मचा दिया था। US टाइम मैगजीन ने उन्हें ‘मर्चेंट ऑफ मेनेस’, यानी तबाही का सौदागर नाम दिया था।

2004 में नेशनल हीरो बन गए डॉ. कदीर खान
2004 में उन्हें हाउस अरेस्ट में रखा गया। उनकी गिरफ्तारी और मुशर्रफ सरकार का अमेरिकी सरकार की तरफ झुकाव देखते हुए कई राजनीतिक पार्टियां और पाकिस्तानी नागरिक उनके समर्थन में उतर आए और उन्हें राष्ट्रीय हीरो बना दिया गया। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने उनके खिलाफ सारे आरोपों को हटा दिया।

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