जेल में कैसे कट रहे हैं आर्यन के दिन, सुबह से रात तक कैसी होती है कैदियों की जिंदगी

आर्यन खान को बुधवार को भी जमानत नहीं मिली। आर्यन को NCB ने 2 अक्टूबर को हिरासत में लिया था। तब से लेकर अब तक अलग-अलग वजहों से आर्यन को जमानत नहीं मिल सकी है। आर्यन समेत बाकी आरोपी अब जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

आर्यन फिलहाल आर्थर रोड जेल में बंद हैं। जेल में रहते हुए आर्यन ने अपने घरवालों से वीडियो कॉल पर बात की। साथ ही घर वालों ने उन्हें 4500 रुपए का मनी ऑर्डर भी भेजा। आपके मन में ख्याल आ रहा होगा कि शाहरुख खान के पास तो इतना पैसा है फिर भी बस 4500 रुपए का मनी ऑर्डर ही क्यों भेजा? इसी सवाल से शुरू करते हुए आज हम आपको जेल की जिंदगी से जुड़े अलग-अलग पहलुओं के बारे में बताएंगे।

आइए जानते हैं, जेल में खाना कैसा मिलता है? मेन्यू में क्या-क्या आइटम होते हैं? आप बाहर से कितने पैसे मंगवा सकते हैं? जेल में कुछ खरीदने का तो होता नहीं, फिर पैसों की जरूरत क्यों पड़ती है? कैदियों का सोने-उठने का टाइम क्या होता है? और घर वालों से मिलने के लिए क्या गाइडलाइन होती है …

आर्यन को अभी सजा नहीं हुई है, तो क्या उन्हें सजायाफ्ता कैदियों से अलग रखा गया है?

बिल्कुल। आर्यन अभी विचाराधीन कैदी हैं। जेल मैनुअल के मुताबिक उन्हें अभी कैदी नंबर और ड्रेस नहीं दी जाएगी। साथ ही उनका बैरक भी सजायाफ्ता कैदियों से अलग होगा। हालांकि, आर्यन को अंडर ट्रायल कैदी नंबर दिया गया है।

जेल में कैसे होती है कैदियों के दिन की शुरुआत?

जेल मैनुअल के मुताबिक, सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही जेल की सेल खोली जाती है। इसलिए सुबह 6 बजे ही सभी कैदियों को उठा दिया जाता है। सुबह 7 बजे के आसपास नाश्ते के बाद दोपहर में लंच और शाम करीब 6 बजे तक डिनर हो जाता है। सूर्यास्त होने के बाद सभी कैदियों की गिनती के बाद दोबारा सेल में भेज दिया जाता है। 8 बजे के आसपास लाइट बंद कर दी जाती है।

खाने में क्या मिलता है?

खाने का मेन्यू हर जेल के हिसाब से बदलता रहता है। कैदियों को मौसमी सब्जियां भी खाने को दी जाती हैं। नाश्ते में चाय, पोहा, ब्रेड, चना, बिस्किट या उपमा दिया जाता है। लंच और डिनर में दाल-चावल, सब्जी और 2-4 रोटियां दी जाती हैं। त्योहारों पर मेन्यू में कुछ स्पेशल रखा जाता है।

दिनभर क्या करते हैं कैदी?
जेल का पूरा कामकाज कैदी ही करते हैं। साफ-सफाई, खाना बनाना, खाना परोसना जैसे दिनचर्या के कामों के लिए कैदियों की ड्यूटी लगाई जाती है।

इसके अलावा भी कैदियों से अलग-अलग काम करवाए जाते हैं। इनमें माली, कुक जैसी ड्यूटी भी दी जाती है।

बड़ी जेलों में कैदियों के काम करने के लिए छोटी-छोटी फैक्ट्रियां भी होती हैं। इनमें सिलाई, गुलाल बनाना और ऐसी ही काम करवाए जाते हैं। इस काम के बदले कैदियों को मेहनताना दिया जाता हैं।

कैदी घर से कितने पैसे मंगवा सकते हैं?

हर कैदी घर से हर महीने अधिकतम 4500 रुपए तक मंगवा सकता है, वो भी मनीऑर्डर के जरिए। इसी वजह से आर्यन को भी उनके परिवार ने 4,500 रुपए का मनीऑर्डर किया था। यह किसी भी कैदी को एक महीने में दिए जाने वाले पैसे की अधिकतम सीमा है।

जेल में आप इस पैसे का करेंगे क्या?

आप सोच रहे होंगे कि जेल में आप पैसों का करेंगे क्या? दरअसल जेल में एक स्टोर होता है, जिसमें आप कूपन के जरिए खरीदारी कर सकते हैं। ये कूपन आप पैसों से खरीद सकते हैं। इस कूपन को आप जेल के अंदर की करंसी समझिए। ये कूपन भी नॉन ट्रांसफरेबल होते हैं। यानी इनका इस्तेमाल केवल वही कर सकता है, जिसने इन्हें खरीदा है। ये कूपन 2, 5, 10 और 20 रुपए तक के हो सकते हैं। एक समय पर आप 2 हजार रुपए तक के ही कूपन अपने साथ रख सकते हैं।

घर वालों से कब-कब और कैसे मिल सकते हैं?

कोरोना के पहले कैदी अपने घरवालों से फिजिकली मिल सकते थे, लेकिन कोरोना की वजह से फिलहाल फोन कॉल या वीडियो कॉल पर ही बात कर सकते हैं। एक कैदी हफ्ते में दो बार किसी से वीडियो कॉल से बात कर सकता है। आमतौर पर फिजिकली सुबह 10 से दोपहर 3 तक कैदियों के दोस्त, परिजन उनसे मिल सकते हैं।

इलाज के लिए क्या सुविधाएं होती हैं?

कैदियों की हल्की-फुल्की बीमारी के इलाज के लिए जेल में ही एक अलग कमरा बनाया जाता है और एक डॉक्टर भी मौजूद रहता है। हालांकि, गंभीर बीमार होने पर कैदी को अस्पताल ले जाया जाता है।

बैरक भी होती है अलग-अलग?

ऐसी जेल जहां महिला और पुरुष कैदी दोनों को रखा जाता है, वहां दोनों को अलग-अलग बिल्डिंग में रखना होता है या फिर एक ही बिल्डिंग के दो पूरी तरह अलग हिस्सों में रखा जाता है।ऐसी जेल जहां 21 साल से कम उम्र के कैदी को रखा जाता है, उन्हें भी वयस्क पुरुष कैदियों से अलग रखा जाता है।इसी तरह विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदियों को भी अलग-अलग रखा जाता है।सिविल कैदियों को क्रिमिनल कैदियों से अलग रखा जाता है।

बैरक में कैदी को कितनी जगह मिलती है?

मध्यप्रदेश में हर कैदी के लिए 41.806 स्क्वैयर मीटर जगह निर्धारित की गई है।कैदियों को 0.76 मीटर चौड़ा बिस्तर दिया जाता है, जो जमीन से 1.98 मीटर ऊंचा होता है। साथ ही हर बिस्तर का सिरहाना दूसरे बिस्तर के पैरों की दिशा में होता है।

क्या उम्रकैद 14 साल की होती है?

नहीं। उम्रकैद जीवनभर के लिए ही होती है। हालांकि, उम्रकैद को माफ करवाने के लिए 14 साल बाद राज्यपाल या राष्ट्रपति के पास आवेदन किया जा सकता है। अगर राष्ट्रपति या राज्यपाल बाकी सजा को माफ कर दें, तो आप जेल से छूट सकते हैं। ये आवेदन 14 साल की सजा काटने के बाद ही किया जा सकता है।

जेल में कैदियों को क्या अधिकार मिले होते हैं?

आमतौर पर जेल में कैदियों को 6 अधिकार मिले होते हैं।

जीवन रक्षा का अधिकार।चिकित्सा का अधिकार।जमानत या मुकदमे की सुनवाई के दौरान मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने और अपनी बात कहने का अधिकार।नियमों के अनुसार नातेदारों से मिलने और बात करने का अधिकार।वकील से मिलने और बात करने का आधिकार।अच्छे आचरण पर सजा का बड़ा हिस्सा काटने के बाद पैरोल का अधिकार।

हर राज्य की अलग-अलग गाइडलाइन

चूंकि लॉ एंड ऑर्डर राज्य का विषय है इसलिए हर राज्य का जेल मैनुअल भी अलग-अलग होता है। साथ ही अलग-अलग जेल में भी अलग-अलग नियम हो सकते हैं। ये जेल सुपरिटेंडेंट के ऊपर भी निर्भर करता है।

खबर मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के जेल मैनुअल, प्रिजन एक्ट 1894 और एक्सपर्ट्स से बातचीत के आधार पर लिखी गई है।

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