हरदोई : गन्ने का मूल्य निर्धारण नही कर पा रही सरकार, किसानो का ये ऑडियो हुआ सोशल मीडिया पर जमकर वायरल

चीनी मिलों ने गन्ने की पेराई और शक्कर का उत्पादन करीब डेढ़ महीने पहले ही शुरू कर दिया था लेकिन अभी तक किसानों द्वारा मिलों को सप्लाई किए गए लाखों कुंटल गन्ने के बदले एक भी पैसा नहीं मिल सका है। प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक गन्ने के मूल्य का निर्धारण भी नहीं किया गया है, जिससे उन्हें यह नहीं मालूम कि वह मिलों को अपना गन्ना कितने रुपए प्रति कुंतल के भाव से सप्लाई कर रहे हैं। लिहाज़ा, क्षेत्र के हजारों किसानों ने मिलों को गन्ना सप्लाई करने से इंकार कर दिया है। जब चीनी मिल के कर्मचारी ने इस बाबत किसान से जानकारी चाही, तो भड़के किसान ने कुछ यूं जवाब दिया, आप भी सुनिये…

इसे इस तरह बेहतर समझ सकते हैं । हरदोई जिले में एक चीनी मिल की प्रतिदिन पिराई क्षमता डेढ़ लाख कुन्तल है मतलब एक दिन में 4,87,5000 मूल्य के गन्ने की पिराई होती है। 3 नवंबर को चालू हुई मिल अब तक लगभग दो सौ करोड़ का गन्ना ख़रीद चुकी है, और किसान को भुगतान मिला है ज़ीरों। पिछले वर्ष गन्ना मूल्य था ₹325 और वर्तमान सत्र में शाहजहाँपुर शोध संस्थान के अनुसार गन्ने की अनुमानित उत्पादन लागत ₹304 प्रति कुन्तल है।

गन्ना एक्ट में तौल होने के चौदह दिन के अंदर गन्ना मूल्य देने का प्रावधान है, और माननीय सुप्रीम कोर्ट के भी निर्देश हैं, लेकिन अभी तक राज्य सरकार ने गन्ना मूल्य का निर्धारण ही नहीं किया है। ऐसे में गन्ना किसानो ने अपना गन्ना मिल पर ना लेजाकर कोल्हुओं पर ले जाकर गुड़ बनाना शुरू कर दिया है । जब गन्ना किसान अपना गन्ना मिल पर तौलाने नही ले गए तो एक गन्ना मिल के कर्मचारी ने पिहानी के एक गन्ना किसान को फोन कर अपना गन्ना ले आने को कहा जिसका जो जबाब गन्ना किसान ने दिया उसका ऑडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है । वाकई में अब मजबूरी का नाम गन्ना किसान जैसी बात सामने आ रही है ।

रिपोर्टर – अभिनव द्विवेदी

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