इंद्र देव को खुश करने के लिए मेढ़क और मेढ़की का ब्याह! वाह! वाह!! वाह!!!

मेघों के देव इंद्र देव को मनाने मेंढक और मेढकी की ग्रामीणों ने की अनूठी शादी , बैंड बाजे की धुन पर नाचते गाते रहे बाराती, घोड़े पर सजा धजा बैठा दूल्हा और इंतजार करती सोलह सिंगार में दुल्हन | यह नजारा आपने हर शादी में देखा होगा, लेकिन बुंदेलखंड की भूमि पर पलेरा जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत हनोता में एक अजीबोगरीब नज़ारा देखने को मिला है ! जहां दूल्हे के रूप में मेंढक और सजी-धजी हुई दुल्हन के रूप में मेंढकी की शादी सम्पन्न कराई गई है | यह सब ग्रामीण बारिश नहीं होने के कारण मेघो के देव इन्द्र भगवान को प्रसन्न करने के लिए करते है। सूखे की मार झेल रहे ग्राम पंचायत हनोता वासियों ने मेघों के देव इंद्र को प्रसन्न करने के लिए ये अनूठा आयोजन किया l

गाँव के लोगो ने कहा बारिश का इंतजार करते-करते बुंदेलखंड के किसान मायूस हो गए है, मेघों से उनका विश्वास टूट गया है, क्योंकि खेतों की लहलहाती फसलें बारिश के बिना मुरझाने लगी है | अब किसानों का रुझान देवी देवताओं को मनाने में लग गया है, और पुरानी मान्यताओं को एक बार फिर हनोता वासियों ने साकार कर दिखा दिया | उनका मानना है कि मेंढक और मेंढकी की वैदिक रीति रिवाज से शादी करने पर मेघों के देव भगवान इंद्र प्रसन्न होते हैं l

इसी मान्यता को लेकर हनोता ग्राम वासियों ने हनोता ग्राम के बीचोंबीच स्थित शंकर जी के मंदिर से बैंड बाजों के साथ दूल्हे मेंढक की बारात निकाली जहां गांव वासियों ने दूल्हे का टीका किया और नाच गाने के साथ बड़ी धूमधाम से गौरैया माता मंदिर पर बारात आई | जहाँ महिलाओं ने सिर पर कलश रखकर बारातियों का अभिनंदन किया और गौरैया माता मंदिर के दरवाजे पर दूल्हे का टीका किया गया | तत्पश्चात हिंदू रीति-रिवाज से गांव के पुरोहित ने वेद मंत्रों के साथ भावर का कार्यक्रम संपन्न कराया और बाद में नम आंखों से समस्त गांव वालों ने समीप के तालाब में विदाई की l

जब मीडिया ने हनोता ग्रामवासियों से मेंढक और मैडकी की शादी का आशय जानना चाहा तो उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारे वेद पुराणों में यह मान्यता है कि जब सूखा की आशंका हो तो उस समय हिंदू रीति-रिवाज से मेढ़क और मेढकी की शादी संपन्न करनी चाहिए | जिससे मेघों के देव भगवान इंद्रदेव प्रसन्न होते हैं और हमारी धरती माता की प्यास संतृप्त होती है | इसी परंपरा को लेकर हम हनोता ग्राम वासियों ने मेंढक और मेडकी की शादी का आयोजन किया l

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