फाइनेंस कंपनियों की ठगी !

बीती मार्च को बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर में जनलक्ष्मी माइक्रो फाइनेंस कंपनी 2800 महिलाओं से 70 लाख रुपये की ठगी कर भाग

राजेश माहेश्वरी


बीती मार्च को बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर में जनलक्ष्मी माइक्रो फाइनेंस कंपनी 2800 महिलाओं से 70 लाख रुपये की ठगी कर भाग गयी। नगर पंचायत के कन्हौली चैक के समीप सुनीता गुप्ता के कॉमर्शियल कॅप्लेक्स में माइक्रो फाइनांस कंपनी का कार्यालय 18 फरवरी को खुला और 9 मार्च की रात कथित कंपनी के लोग अपना बोरिया बिस्तर समेट कर भाग गए। आये दिन देश के किसी ने प्रदेश से ऐसी खबरें सुनने और पढ़ने को मिल जाती हैं।

हैरत इस बात की है कि तमाम ऐसी घटनाएं घटने के बावजूद देश में फाइनेंस कंपनियों का चलन भी कम होने का नाम नही ले रहा है। असल में पैसा जल्दी बढ़ता है तो व्यक्ति का लालच भी बढ़ जाता है। लोगों की इसी कमजोरी का लाभ फाइनेंस कंपनी वाले उठाते हैं। जो लोगों को ज्यादा ब्याज देने का लालच देकर जमाराशियां प्राप्त करते हैं और एक दिन ऐसा भी आता है कि वे अपना कारोबार समेट कर जमाकर्ताओं को ठेंगा दिखा सकते हैं।

बीती मई को बिहार की राजधानी पटना में एक निजी फाइनेंस कंपनी माई तारा माइक्रोक्रेडिट प्राइवेट लिमिटेड सैकड़ों लोगों को करोड़ों का चूना लगाकर फरार हो गई थी। कंपनी ने बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों के सैकड़ों ग्राहकों के तकरीबन 25 करोड़ रुपये लेकर फरार हुई थी। दिसंबर 2021 में उत्तराखण्ड के पीलीभीत शहर में एक फाइनेंस कंपनी ने लोगों को ब्याज की ज्यादा बचत का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपये जमा करवाये और जनवरी में जब लोगों को पैसे और ब्याज लौटाना था तो संचालक फाइनेंस कंपनी बंद करके फरार हो गये।

अगस्त 2020 में केरल की ‘केरल फाइनेंस कंपनी’ निवेशकों का करोड़ों डकार कर भाग गई। उस समय ये मामला काफी हाईलाइट हुआ था। इस कंपनी का हेडक्वार्टर केरल राज्य के पथनमथिता जिले में था। राज्य में कंपनी की 247 शाखाएं संचालित थी। ग्राहकों ने कंपनी में 10,000 रुपए से लेकर लाखों का निवेश किया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक अनुमान के मुताबिक, डिपॉजिटर्स को कुल 2000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

2020 में बिहार के जिले गोपालगंज के पंचदेवरी क्षेत्र में लोन देने के नाम पर श्री गणपति माइक्रो फाइनेंस कंपनी ने ग्राहकों को लगाया 30 लाख रुपए का चूना लगाया था। वर्ष 2015 में मध्य प्रदेश के जबलपुर में आसान किश्तों एवं कम ब्याज दर पर लोन देने का झांसा देकर लक्ष्मी फाइनेंस कंपनी द्वारा बड़ी संख्या में लोगों के साथ ठगी की थी।

जुलाई 2019 में कानपुर में एक फाइनेंस कंपनी ने छह साल में पैसा डबल करने का झांसा देकर आम नागरिकों को करोड़ों की चपत लोगों लगाई थी। अगस्त 2018 में उत्तराखण्ड के विकासनगर के सहसपुर थाना क्षेत्र स्थित सेलाकुई में एक फाइनेंस कंपनी लोगों के लाखों रुपये लेकर फरार हो गई थी। कंपनी ने तरह-तरह के हथकंडों से लोगों को लालच देकर पैसा जमा कराया था। किसी ने कंपनी में 20 लाख रुपये के लिए लोन के लिए रकम जमा कराई तो किसी ने दस हजार रुपये जमा कराए। कंपनी ने लोगों से इंश्योरेंस के स्टांप के नाम पर भी पैसे ऐंठे।

2013 में पंजाब में अमृतसर की किम फ्यूचर विजन सर्विसेज कंपनी ने शहर में एक्सप्रेस रोड पर अपना आफिस खोला था। जब आम नागरिकों द्वारा निवेश की गई रकम के मेच्योरिटी का समय नजदीक आया तो कंपनी के संचालक फरार हो गये। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इन्कैन नाम की फाइनेंस कंपनी में भी मोटे मुनाफे के चक्कर में लोगों की करोड़ों रुपये देशभर में डूबे थे।

बीती जनवरी में यूपी के टांडा में एक फाइनेंस कंपनी की तरफ से टांडा और शामचुरासी इलाके के तकरीबन 100 लोगों के साथ ठगी मारने का मामला सामने आया था। फाइनेंस कम्पनी ने कर्ज दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपए की ठगी की थी। पिछले साल जून में उत्तराखण्ड के किच्छा में लोन देने का झांसा देकर समूह के माध्यम से पैसा जमा करा माइक्रो फाइनेंस कंपनी संचालक फरार हो गए। लोग खाते में पैसा आने का ही इंतजार करते रह गए।

देश में तमाम फाइनेंस कंपनियां ऐसी भी हैं जो बरसों से कारोबार कर रही हैं, लेकिन ज्यादातर फाइनेंस कंपनियों ने लोगों का ज्यादा मुनाफे का लालच देकर ठगने का ही काम किया है। लोगों को फाइनेंस कंपनियों से दूरी बना कर रखने में ही समझदारी होगी ताकि लालच में फंस कर हमें अपनी गाढ़ी कमाई के धन से हाथ धोने की नौबत न आए। अपनी मेहनत की कमाई को सोच समझकर समझदारी से निवेश करें।

-लेखक उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार हैं।

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