यूपी में फिर से बढ़ा योगी सरकार का खौफ, इतने दिनों में 50 अपराधियों ने किया सरेंडर

योगी सरकार के डर से 15 दिनों 50 अपराधियों ने खुद किया सरेंडर, जानें वजह

लखनऊ: यूपी में योगी आदित्यनाथ की दोबारा सरकार बनने के बाद अपराधियों में फिर से खौंफ दिखने लगा है. इतना ही नहीं यह खौफ 10 मार्च को चुनाव के नतीजों के साथ ही शुरू हो गया था. इसका असर यह हुआ कि सीएम योगी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के 10 मार्च को सत्ता में वापस आने के 15 दिन के अंदर कम से कम 50 अपराधियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है. अपराधी गले में तख्तियों के साथ थानों में पहुंचे, जिस पर एक संदेश लिखा हुआ था- मैं आत्मसमर्पण कर रहा हूं, कृपया गोली न चलाई जाए.

इस अच्छाई की सहारनपुर से हुई शुरुआत

इसकी शुरुआत अपहरण व जबरन वसूली का आरोपी फरार गौतम सिंह से हुई. उसने 15 मार्च को गोंडा जिले के छपिया थाने में सरेंडर कर दिया. 3 दिन के अंदर ही सहारनपुर के चिलकाना थाने में 23 अपराधियों ने अपराध को अलविदा कहा. वहीं वेस्ट यूपी में ही 4 शराब तस्करों ने एक हलफनामे के साथ देवबंद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, जिसमें कहा गया था कि वह फिर से अपराध नहीं करेंगे.

योगी सरकार आने के बाद आत्मसमर्पण का सिलसिला शुरू

इसके बाद पड़ोसी शामली जिले में आत्मसमर्पण करने का सिलसिला शुरू हो गया. यहां गोहत्या के 18 आरोपियों ने थानाभवन और गढ़ीपुख्ता पुलिस थानों में खुद जाकर आत्मसमर्पण कर दिया. वहीं कुछ दिनों के भीतर, एक और वांछित अपराधी हिमांशु उर्फ हनी ने पुलिस से उसे गोली न मारने की गुहार लगाते हुए एक तख्ती पकड़ी और फिरोजाबाद के सिरसागंज पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण करने पहुंच गया.

बेख़ौफ़ अपराधियों में बढ़ा कानून का भय

एडीजी, कानून व्यवस्था, प्रशांत कुमार ने कहा कि 50 अपराधियों ने न केवल आत्मसमर्पण किया है. बल्कि अपराध छोड़ने का संकल्प लिया है. उन्होंने बताया कि इस दौरान 2 अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया. वहीं इसके साथ 10 अन्य को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था में सुधार के लिए योजना के माध्यम से प्रदेश के कोने-कोने में अपराधियों में भय पैदा करने के लिए कार्रवाई की जा रही है. अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस न केवल माफिया पर प्रभावी कार्रवाई के बारे में है, बल्कि यूपी-112 द्वारा नए सिरे से सतर्कता व गहन गश्त करना है. इसके साथ ही, 2017 के बाद से राज्य में कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ.

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