औरैया हादसे के बाद प्रवासी मजदूरों के परिजन परेशान, अपनों की सताने लगी है चिंता

औरैया में प्रवासी मजदूरों की मौत के बाद समूचा उत्तर प्रदेश हिल गया। साथ ही इस घटना के बाद घर वापसी कर रहे मजदूरों के परिजनों को चिंता सताने लगी कि मरने वालों में शायद कोई उनका अपना तो नही। इसी बीच जिला भदोही के रहने वाले श्रीधर विश्वकर्मा के पास फोन द्वारा सूचना मिलती है कि आपका बेटा एक्सीडेंट में घायल हो गया है तो वह बिना कुछ सोचे अपने बेटे का हाल जानने के लिए औरैया हो जाते है रवाना। लेकिन उन्हें क्या पता था कि जिस बेटे का हाल चाल लेने वह औरैया आ रहे है वहाँ सिर्फ दुःख का पहाड़ खड़ा है उसकी लाश के साथ!

औरैया पोस्टमार्टम हाऊस पहुँचने के बाद जब एक पिता ने अपने बेटे की सफेद कपड़ो में लिपटी लाश को देखा तो वह पिता बेसुध सा होकर हक्का बक्का रह गया। अपने दर्द को छुपाये एकांत में गुमशुम सा अपने बेटे की फोटो को आँखों मे आँसुओ का समंदर भरकर निहारने लगा ऐसा लग रहा था कि उसे शायद इस दिन की उम्मीद न थी। क्योकि अभी उसे दिल पर पत्थर रखकर अपने बेटे के मौत की खबर उसकी माँ को जो बतानी थी। क्योकि माँ और म्रतक मुकेश की पत्नी भी उसका घर आने का इंतजार जो कर रही थी।

फिलहाल मुकेश के पिता आँखों मे आँसू लिए घर से आ रहे फोन पर उसके अस्पताल में इलाज होने की बात बता रहे है। लेकिन जब उसकी लाश घर जाएगी तो शायद उसकी माँ और पत्नी को कलेजे पर पत्थर रखना ही होगा। म्रतक मुकेश 2 माह पहले घर के हालात नाजुक होने के कारण काम की तलाश में जयपुर गया हुया था लेकिन लॉक डाउन के कारण वह आज एक असुरक्षित सफर के कारण मौत के गले में समा गया।

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