दिल्ली में बिजली संकट गहरा सकता है, जानिए क्या है स्थिति

दिल्ली में बिजली संकट गहरा सकता है अभी तक की स्थिति के मुताबिक एनटीपीसी के तमाम प्लांटों से जहां दिल्ली को 4000 मेगावाट के करीब बिजली मिलती थी उसकी आपूर्ति घटकर 50 फीसदी के करीब रह गई है।दिल्ली की गैस प्लांट पर बड़ी निर्भरता बढ़ गई है अभी दिल्ली में बवाना – रिठाला और प्रगति पावर प्लांट 1 में 1900 मेगावाट की क्षमता वाले 3 पावर प्लांट काम कर रहे है जिनसे 1300 मेगावाट बिजली उत्पन्न की जा पा रही है हालांकि ये बिजली सरकार को बहुत ही महँगी पड़ रही है।दिल्ली सरकार को इन प्लांट से बिजली का उत्पादन 17.25 रुयपे प्रति यूनिट के हिसाब से हो मिल रहा है।वही बाज़ार से भी दिल्ली बिजली खरीदता है जिसे ‘स्पॉट पर्चेस” कहा जाता है इस वक़्त उसकी कीमत भी दिल्ली को 20 रुपये प्रति यूनिट चुकानी पड़ रही है ,हालांकि  वर्तमान में डिमांड कम होने के चलते अभी नही लग रहे पावर कट,दिल्ली में जुलाई महीने में 7400 मेगावाट तक मांग चली गई थी जो 10 अक्टूबर को मात्र 4500 MW के आसपास रही जबकि   जिसके चलते अभी दिल्ली में बिजली की आपूर्ति हो पा रही है

राजधानी दिल्ली को सबसे अधिक बिजली एनटीपी दादरी (756 मेगावॉट) और एनटीपीसी दादरी-2 (728 मेगावॉट) से मिलती है। इसके बाद दूसरा नंबर झज्जर थर्मल पावर प्लांट (693 मेगवॉट) का आता है। इसके अलावा सासन ( 446 मेगावॉट), एनटीपीसी रिहंद (358 मेगावॉट), एनटीपीसी सिंगरौली (300 मेगावॉट), कहलगांव (157 मेगावॉट), एसजेवीएनएल नाथपा झाकरी (142 मेगावॉट), एनटीपीसी ऊंचाहार (100 मेगावॉट) व अन्य पावर प्लांट से भी बिजली मिलती है।

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