दिल्ली हाईकोर्ट में कोरोना काल के दौरान 98 फीसदी मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट में कोरोना संकट के दौरान अब तक करीब 98 फीसदी मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई। पिछले 18 मार्च से 17 सितम्बर के बीच 12,244 मामले में से मात्र 346 मामले की ही खुली कोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट में पिछले 1 सितम्बर से सीमित बेंचों में खुली सुनवाई चल रही है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले 17 मार्च से कोर्ट के अंदर खुली सुनवाई बंद कर दी थी। हाईकोर्ट काफी जरूरी मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कर रही है। 25 मार्च को जब से पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया उस समय से लेकर 17 अक्टूबर तक हाईकोर्ट ने 12,244 मामले की सुनवाई की। इनमें से 11,784 मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई। इन मामलों के पक्षकारों ने कोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की मांग की थी।

इस दौरान करीब 12,167 केस ई-फाईलिंग के जरिये दायर किए गए। इनमें से करीब 98 फीसदी मामले के पक्षकारों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही सुनवाई का विकल्प चुना। महज 346 मामलों की सुनवाई खुली अदालत में हुई। जिन दिनों कोर्ट में खुली सुनवाई की तिथि नियत थी, उन दिनों भी पक्षकारों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही सुनवाई की मांग की थी। पिछले 1 सितंबर से हाईकोर्ट में पांच बेंचों में नियमित सुनवाई शुरू की थी। उसके बाद 9 अक्टूबर से तीन बेंचों के जरिये ही नियमित सुनवाई चल रही है। पिछले 12 अक्टूबर से दो संयुक्त रजिस्ट्रार की कोर्ट भी नियमित सुनवाई कर रहे हैं। पिछले 1 सितंबर से 20 अक्टूबर तक हाईकोर्ट ने 1439 मामले की खुली कोर्ट में सुनवाई की। हालांकि खुली अदालतों के दिन भी 864 मामले के पक्षकारों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई का आग्रह किया।

दिल्ली की निचली अदालतों में 24 मार्च से 31 अगस्त के बीच 2,62,167 मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग से की। अब निचली अदालतों में एक चौथाई मामले खुली अदालतों के जरिये सुनवाई हो रही है। अब निचली अदालतों में रुटीन मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग या खुली अदालतों के जरिये हो रही है।

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