जींस पहन कर सोने के नुकसान: अगर आप जींस पहनकर सो रही हैं तो सावधान हो जाएं

महिलाओं को प्राइवेट पार्ट में दिक्कत होती है, अगर कोई समस्या है तो इससे पुरुषों के स्पर्म काउंट पर असर पड़ता है

गर्मी में पसीना अधिक आता है। इसलिए इन दिनों आपको ऐसे कपड़े पहनने चाहिए जो पसीने को सोख लें। ढीले और सूती कपड़े पसीने को आसानी से अवशोषित कर लेते हैं, जिससे त्वचा शुष्क हो जाती है। तंग कपड़े, चाहे जींस या सिंथेटिक, नायलॉन या पॉलिएस्टर से बने हों, पसीने को अवशोषित नहीं करते हैं। सोते समय जींस पहनने से भी गर्भाशय पर दबाव पड़ता है। टाइट कपड़ों में सोने से भी पीरियड्स के दौरान दर्द बढ़ जाता है। श्रोणि क्षेत्र में रक्त संचार भी कम हो जाता है। पीठ दर्द, सूजन आदि जैसे अन्य दुष्प्रभाव भी देखे जाते हैं। वहीं जींस पहनने से भी पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होता है।

फंगल इंफेक्शन के मामले ज्यादा होते हैं

जींस आमतौर पर डेनिम फैब्रिक से बनाई जाती है। इस कपड़े का नुकसान यह है कि यह पसीने को अवशोषित नहीं कर सकता है। जिससे त्वचा पर नमी बनी रहती है। जब आप जींस पहनकर बिस्तर पर जाते हैं तो यह नमी घंटों तक त्वचा पर बनी रहती है इसलिए यहां बैक्टीरिया या फंगस उगने लगता है।

संक्रमण के कारण शरीर पर लाल चकत्तों में लाल धब्बे बन जाते हैं । जांघों और निचले पैरों पर लाल धब्बे दिखाई देते हैं। इसके बाद यह मवाद भर जाता है और मवाद भी बन जाता है। इससे शरीर में दर्द और बुखार भी होता है।

अनिद्रा भी है एक समस्या

एक अध्ययन के अनुसार जींस पहनने से भी अनिद्रा की समस्या होती है। यूके स्थित संगठन द स्लीप काउंसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, अच्छी नींद के लिए तापमान 20 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। नींद के दौरान हमारे शरीर का तापमान आमतौर पर तीन से चार घंटे में गिर जाता है। जींस पहनने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। ऐसे में नींद ठीक से नहीं आती है।

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