पेंकिलर से हो सकता है नशा? दिल्ली पुलिस ने किया खुलासा जानिए आगे-

एंग्जायटी, पैनिक अटैक और दर्द को कम करने में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों को लोग नशा करने में इस्तेमाल कर रहे हैं।

 

डॉक्टर के अनुसार, कुछ दवाएं 24 घंटे की अवधि में केवल एक से तीन बार ही दी जानी चाहिए। लोग रोजाना 5 से 10 गोलियांपीसकर खा लेते हैं। वेस्ट दिल्ली नारकोटिक्स स्क्वॉड ने एक जुड़े मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें से एक लाख सेज्यादा ऐसी ही गोलियां मिली हैं। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस ड्रग कारोबार में किसी डॉक्टर की मिलीभगत तोनहीं है। पश्चिमी दिल्ली के डीसीपी घनश्याम बंसल के अनुसार, पकड़े गए संदिग्धों के रूप में जतिन और तरनजीत सिंह की पहचानकी गई है। एसीपी ऑपरेशन अरविंद कुमार, नारकोटिक्स स्क्वॉड एसआई राजेंद्र ढाका और एएसआई कर्ण सिंह के दस्ते ने इन्हेंपकड़ लिया है। प्रतिवादी एक फार्मेसी का मालिक है। तिलक नगर मोहल्ले में 40 वर्षीय तरनजीत और 23 वर्षीय जतिन उत्तम नगरमें रहते हैं। अफगानिस्तान वह जगह है जहां तरनजीत का जन्म हुआ था। यह पाकिस्तान में भी कायम रहा। वह 2015 में अपनेपरिवार (एलटीवी) के साथ लंबी अवधि के वीजा पर भारत आया था। यह यहां एक फार्मेसी संचालित करता है। पुलिस ने अत्यधिकदर्द के लिए 6600 दवाओं की खोज की, विशेष रूप से सर्जरी के बाद, और 97,010 टैबलेट चिंता और आतंक हमलों के लिए।अधिकांश गोलियां जतिन पर पाई गईं। सूचना के आधार पर जतिन को तिलक नगर के कृष्णा पार्क से पकड़ा गया। इसमें बाइकसवार थी। इसके बाद तरनजीत को पकड़ लिया गया। पुलिस के अनुसार, उन्होंने पाया है कि पूछताछ के दौरान इस अपराध में कमसे कम दो और लोग शामिल हैं। इन गोलियों को अवैध रूप से बेचा जा रहा था और इन्हें केवल डॉक्टर की सिफारिश पर ही लियाजाना चाहिए। यह पता लगाया जा रहा है कि वे ये दवाएं कहां से खरीद रहे थे। माना जा रहा है कि जहां से ड्रग्स का निर्माण यावितरण किया जाता है, वहां से ड्रग्स की चोरी की जा रही है। जिसे अवैध रूप से फार्मेसियों और अन्य जगहों पर वितरित किया जारहा है। लोग इनका इस्तेमाल नशे में करने के लिए कर रहे हैं। इन पदार्थों में ऐसे तत्व भी होते हैं जो कोकीन, स्मैक और हेरोइन मेंमौजूद होते हैं। दिल्ली में रहने वाले कुछ नाइजीरियाई भी इन दवाओं को खरीद कर खा रहे थे। पूछताछ में पता चला है कि इसटैबलेट को पीसकर भी लिया जा सकता है। उच्च पाने के लिए, नशा करने वाले आमतौर पर प्रतिदिन इनमें से 5 से 10 गोलियां लेतेहैं। दर्दनिवारक बनाने के लिए जिन अन्य दवाओं का उपयोग किया जाता है, उनका उपयोग भी नशे में किया जाता है।

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