अब राजधानी में कमर्शियल वाहनों का प्रवेश हुआ ऑनलाइन !

देश की राजधानी दिल्ली में कमर्शियल वाहनों के प्रवेश से जुड़े नियमों में बदलाव किया गया है। बीते शुक्रवार से दिल्ली की सीमा के अंदर प्रवेश करने वाले सभी कमर्शियल वाहनों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टैग लगवाना अनिवार्य हो गया है। नए नियम के अनुसार बिना आरएफआईडी टैग के कोई कमर्शियल वाहन दिल्ली के सीमा में प्रवेश नहीं कर सकेगा।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्‍ली में किसी भी कमर्शियल वाहन में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टैग लगना अनिवार्य हो गया है। इस सिस्टम के तहत जो भी कमर्शियल वाहन दिल्ली में एंट्री लेना चाहते हैं, उन्हें 218 रुपये का एक टैग लेना होगा। इसके बाद जब भी वो कमर्शियल वाहन लेकर दिल्‍ली की सीमा में एंट्री करेंगे उन्हें अपने टैग में पहले से टॉपअप हुए पैसे से एंट्री मिलेगी। इस प्रक्रिया में उन्हें रुकने की जरूरत नहीं होगी। यह सेंसर की मदद से ऑटोमेटिक होगा। इसके बाद टोल पर जाने की अनुमति मिल जाएगी। जानकारी के मुताबिक कुंडली, राजोकरी, टीकरी, शाहदरा, गाजीपुर, DND, कापसहेड़ा, बदरपुर जैसे 13 एंट्री प्‍वाइंट से सबसे अधिक कमर्शियल वाहनों की एंट्री होती है। ऐसे में यहां पर खासतौर से ध्‍यान दिया जा रहा है क्योंकि यहीं से दिल्ली में 80 फीसदी कमर्शियल वाहनों की एंट्री होती है। इसकी वजह है कि कई ओर से दिल्ली की सीमा हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगती हैं।

समय, ईंधन की बचत, प्रदूषण पर नियंत्रण

दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी के अनुसार इन टैग की वजह से टोल-बूथ पर भीड़ में कमी आएगी। जहाँ मौजूदा समय में टोल बूथ पर एक वाहन से टोल वसूलने में तीन से पांच मिनट लगते हैं, वहीं टैग होने की वजह से वाहनों को रुकना भी नहीं पड़ेगा। इससे समय और ईंधन की बचत के साथ प्रदूषण पर नियंत्रण पाने में भी काफी मदद मिलेगी। इसके साथ ही सरकार के लिए टोल टैक्स वसूलने का काम भी आसान हो जाएगा। आपको बता दें कि इससे पहले प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए दिल्ली सरकार ने वाहनों की ऑड-इवन योजना चलाई थी। इससे दिल्ली के प्रदूषण में काफी कमी आई थी।

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