तिरंगे के अपमान में विधायक अनिल के खिलाफ कोर्ट ने किए मुकदमे के आदेश

मुजफ्फरनगर में एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट ने तिरंगे के अपमान के मामले में पुरकाजी क्षेत्र के गठबंधन विधायक अनिल कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए है।

मुजफ्फरनगर में एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट ने तिरंगे के अपमान के मामले में पुरकाजी क्षेत्र के गठबंधन विधायक अनिल कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए है। नई मंडी पुलिस को सात दिन की अवधि में रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करने को कहा गया है। राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का ये मामला 15 अगस्त 2021 का बताया गया है। याचिका कर्ता के मुताबिक पुलिस और मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत करने के बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई ना होने पर उन्होंने न्यायालय की शरण ली थी।

दरअसल, अधिवक्ता संजीव कुमार त्यागी की तरफ से एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट में 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि 15 अगस्त 2021 को सोशल मीडिया पर ये देखकर बहुत पीड़ा हुई थी कि पूर्व विधायक अनिल कुमार (अब पुरकाजी से विधायक) व उसके 4-5 साथियों ने पचेंडा रोड स्थित पेट्रोल पंप पर राष्ट्रीय ध्वज को उल्टा करके ध्वाजरोहण किया था, जो सीधे तौर पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है। इस मामले में 16 अगस्त को मंडी कोतवाली में पूर्व विधायक अनिल कुमार और उनके 4-5 साथियों के खिलाफ तहरीर दी गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की। 17 अगस्त को मुख्यमंत्री के पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई गई, यहां से भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुर्ई।

विशेष न्यायधीश मयंक जायसवाल ने याचिका को स्वीकार करते हुए पुलिस से रिपोर्ट तलब की थी। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस मामले में कोई अभियोग पंजीकृत नहीं है। विशेष न्यायधीश ने सुनवाई के दौरान कहा कि उल्लेखित घटना गंभीर प्रवृति की है। ऐसे में प्रथम दृष्टया अपराध बनता है। कोर्ट ने नई मंडी पुलिस को सात दिन में रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करने के आदेश दिए है। बता दें कि राष्ट्रीय ध्वज को उल्टा फहराने के मामले में उस समय सोशल मीडिया पर वीडियो खूब वायरल हुई थी। इस मामले में जब विधायक अनिल कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ध्वजारोहण करने के दौरान उनका कोई दोष नहीं था। पेट्रोल पंप के स्टाफ नहीं गलती से उल्टा झंडा लगाया था जिसे वह देख नहीं पाए और ध्वजारोहण करके निकल गए। उन्होंने कहा कि वैसे तो इस मामले में उनके कोई गलती नहीं है लेकिन वे फिर भी कोर्ट के आदेशों का पालन करते हैं और कोर्ट का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले भाजपा के कई नेताओं और अधिकारियों से भी इस तरह की गलती हुई है।

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