35 साल पहले राजा मान सिंह के फर्जी एनकाउंटर मामले में कोर्ट ने सभी 11 पुलिसकर्मियों को दी उम्र कैद, जानिए क्या था पूरा मामला

राजस्थान के भरतपुर स्टेट के राजा मानसिंह का 35 साल पहले फर्जी एनकाउंटर हुआ था। अब इस मामले में ही मथुरा के जिला एवं सत्र न्यायालय ने सजा का ऐलान कर दिया है। इसमें कोर्ट ने सभी दोषी 11 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुना दी है। पुलिस एनकाउंटर में राजा मान सिंह सहित तीन लोगों की मौत हुई थी। कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा के अनुसार धारा 148 में 2 वर्ष का कारावास और ₹1000 जुर्माना लगाया है। धारा 302, 149 में आजीवन कारावास और ₹10000 जुर्माना लगाया गया है।

अदालत के इस फैसले पर राजा मानसिंह के परिजनों ने बहुत खुशी भी जाहिर की है। राजा मानसिंह की बेटी दीपा ने इस दौरान कहा कि न्याय देर से ही मिला पर मिला। वहीं आरोपी पक्ष के वकील ने कहा कि अदालत के फैसले के बाद वह उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।

बता दें कि मंगलवार को जिला जज साधना रानी ठाकुर ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए 11 पुलिसकर्मियों को आईपीसी की धारा 148, 149 और 302 के तहत दोषी पाया था। तत्कालीन सीओ कान सिंह भाटी और ऐसो वीरेंद्र सिंह सहित 11 पुलिसकर्मियों को कोर्ट ने दोषी करार दिया था। वहीं अदालत ने इस जीडी में हेरफेर के आरोपी तीन पुलिसकर्मियों को बरी भी कर दिया है।

बता दें कि किस फरवरी 1985 को उस समय राजा मानसिंह की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी जब वह चुनाव प्रचार के दौरान डीग अनाज मंडी में थे। इस फर्जी एनकाउंटर मामले के मुख्य आरोपी डीएसपी कान सिंह भाटी समेत 11 पुलिसकर्मी आरोपी बनाए गए थे। इस एनकाउंटर से एक दिन पहले ही राजा मानसिंह पर राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के हेलीकॉप्टर तथा मंच को अपने जोगा गाड़ी से तोड़ने का आरोप लगा हुआ था।

बता दें कि इसके लिए राजा मान सिंह के खिलाफ दो अलग-अलग मुकदमे भी कायम हो गए थे। घटना के वक्त राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी और शिवचरण माथुर मुख्यमंत्री थे। इस मामले में डीएसपी कान सिंह भाटी सहित 17 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोपपत्र सीबीआई ने दाखिल किया था। इस मामले कि सुनवाई मथुरा के जिला एवं सत्र न्यायालय में चल रही थी जिस पर अब जो सजा सुना दी गई है।

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