लड़कियां किस देश में सबसे कम उम्र में बन रहीं माँ ? जो रिपोर्ट सामने आई, वो आपके होश उड़ा देगी, देखें..

मां बनना हर औरत के जीवन का एक खास पड़ाव होता है, लेकिन जब यह जिम्मेदारी बहुत कम उम्र में आ जाए, तो यह एक गंभीर सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी चुनौती बन जाती है। दुनिया के कई देशों में आज भी महिलाएं 18 वर्ष से पहले ही मां बन जाती हैं। ये आंकड़े न केवल चिंता का विषय हैं, बल्कि यह उन देशों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति की भी पोल खोलते हैं।
WorldAtlas रिपोर्ट का बड़ा खुलासा
WorldAtlas की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में ऐसे 21 देश हैं जहां महिलाएं औसतन 18 साल से लेकर 19.6 साल की उम्र में अपने पहले बच्चे को जन्म देती हैं। यह आंकड़े बताते हैं कि जल्दी मां बनने की समस्या अब भी गंभीर स्तर पर मौजूद है।
अंगोला: सबसे कम उम्र में मातृत्व
इस रिपोर्ट के अनुसार, अंगोला ऐसा देश है जहां महिलाएं सबसे कम उम्र में मां बनती हैं। यहां की औसत मातृत्व आयु 18 वर्ष से भी कम है। शिक्षा और जागरूकता की कमी, पारंपरिक रीति-रिवाज और सामाजिक दबाव इसके प्रमुख कारण हैं।
बांग्लादेश: दक्षिण एशिया की चिंताजनक तस्वीर
भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर आता है। यहां महिलाएं औसतन 18.1 साल की उम्र में मां बन जाती हैं। रिपोर्ट बताती है कि बांग्लादेश में लगभग 51 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 साल से पहले ही कर दी जाती है, जो कि न केवल उनके स्वास्थ्य बल्कि उनके संपूर्ण विकास के लिए भी घातक है।
अफ्रीकी देश: नाइजर, चाड और माली भी सूची में शामिल
अफ्रीका के नाइजर, चाड और माली भी इस लिस्ट में शामिल हैं।
- नाइजर में, महिलाओं के पहले बच्चे को जन्म देने की औसत उम्र 18.1 साल है।
- चाड में यह आंकड़ा 18.2 साल, और
- माली में 18.6 साल बताया गया है।
यहां की 20 से 24 साल की 51% महिलाओं ने बताया कि उन्होंने 18 साल से पहले ही पहला बच्चा जन्म दिया था।
युगांडा और घाना: औसत उम्र 18.6 और 18.9 साल
युगांडा और घाना भी उन देशों में शामिल हैं, जहां महिलाएं कम उम्र में मां बन रही हैं। युगांडा में मातृत्व की औसत उम्र 18.6 साल है, जबकि घाना में यह आंकड़ा 18.9 साल है। यह ट्रेंड अफ्रीकी रीजन में एक सामान्य समस्या बन चुका है।
कम उम्र में मातृत्व के कारण
कम उम्र में मां बनने की समस्या के पीछे कई मुख्य कारण हैं:
- शिक्षा की कमी
- जागरूकता का अभाव
- गरीबी
- पारंपरिक और धार्मिक सोच
इन कारणों के चलते लड़कियों की शादी बहुत कम उम्र में कर दी जाती है, जिससे वे जल्दी मां बन जाती हैं। इसका प्रभाव ना केवल उनकी शारीरिक सेहत पर पड़ता है बल्कि नवजात शिशु के पोषण और विकास पर भी गंभीर असर डालता है।
विकसित बनाम विकासशील देश: मातृत्व का अंतर
जहां विकसित देशों में महिलाएं मां बनने का निर्णय अपने करियर, स्वास्थ्य और मानसिक परिपक्वता के आधार पर लेती हैं, वहीं विकासशील और गरीब देशों में लड़कियों को यह विकल्प नहीं मिल पाता। वहां यह निर्णय समाज और परिवार द्वारा बहुत पहले ही उनके लिए तय कर दिया जाता है।