उतराखंड में कोरोना: बुधवार को 26 नए मामले सामने, अस्पतालों को किया गया अलर्ट

टूरिस्ट प्लेस होने की वजह से उतराखंड में बढ़ रहे कोरोना के केस  

देहरादून: देशभर में एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दे दी हैं. लगातार कोरोना मरीजों की आकड़ों में बढ़ोतरी हो रही हैं. वहीँ अगर हम उतराखंड की बात करें तो यह एक टूरिस्ट प्लेस हैं. यहां हर मौसम में न्यूलीवेड कपल, दोस्तों का ग्रुप इसके साथ सभी तरह के लोगों पहाड़ों के साथ पैराग्लाडिंग के मजे लेने के लिए यहां हैं. वहीँ इस गुलाबी ठण्ड में लोग स्नो फाल देखने भी आते हैं. ऐसे में यहाँ कोरोना मरीजों का खतरा ज्यादा बढ़ जाता हैं. इसी तरह उतराखंड में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के मरीजों में बढ़ोतरी की वजह से स्वास्थ्य विभाग में हडकंप मच गया है.

उतराखंड में बढे कोरोना के मरीज

उतराखंड टूरिस्ट प्लेस होने की वजह से यहां हजारों की संख्या में रोजाना सैलानी आते हैं. वहीँ ये सैलानी सिर्फ अपने देश के नहीं बल्कि विदेशों से भी पहाड़ों की ख़ूबसूरती देखने आते हैं. ऐसे में यहाँ कोरोना का ख़तरा सबसे ज्यादा हैं. बता दें उतराखंड में बुधवार को कोरोना के नए 26 मामले सामने आए हैं. हालांकि पिछले 24 घंटे में किसी भी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई हैं.

इसी के साथ बुधवार को 14  कोरोना के मरीज ठीक होकर घर लौटे हैं. वहीं बीते 24 घंटे में कोरोना के 26 मामले सामने आने के बाद राज्य में अब तक कोरोना के 142 एक्टिव केस रह गए हैं. वहीँ उतराखंड के अल्मोड़ा में सोमवार को अल्मोडा़ में 4, बागेश्वर में 0, चमोली में 0, चंपावत में 1, देहरादून में 7, हरिद्वार में 1, नैनीताल में 2, पौड़ी गढ़वाल में 0, पिथौरागढ़ में 2, रूद्रप्रयाग में 0, टिहरी गढ़वाल में 0, उधम सिंह नगर में 9, उत्तरकाशी से 0 मामले सामने आए हैं. जिसके बाद प्रदेश में कुल मरीजों का आंकड़ा 344513 तक पहुंच चुका हैं. अगर पूरे प्रदेश की बात करें तो अब तक कुल 7412 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है.

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पतालों में अलर्ट

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिले का स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है. राजकीय दून मेडिकल अस्पताल समेत कई सरकारी अस्पतालों को इसे लेकर अलर्ट कर दिया गया है. कोरोना की पहली और दूसरी लहर में जिले में सबसे पहले राजकीय दून मेडिकल अस्पताल में ही कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती किया गया था. जिसके बाद लंबे समय के लिए दून अस्पताल को पूरी तरह से कोविड अस्पताल के रूप में बदल दिया गया था.

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