उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम पर उठाए सवाल

लखनऊ। कास्ट डाटा बुक के विपरीत प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं से की गई अधिक वसूली के मामले में उपभोक्ता परिषद की याचिका पर आज दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की सुनवाई विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन श्री आर पी सिंह वह सदस्य श्री बीके श्रीवास्तव की उपस्थिति में संपन्न हुई जिसमें दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य अभियंता कमर्शियल श्री अनिल पांडे व अधीक्षण अभियंता रेगुलेटरी अफेयर्स श्री विवेक अस्थाना ने प्रबंध निदेशक दक्षिणांचल की तरफ से एक शपथ पत्र आयोग के सामने सुनवाई में प्रस्तुत करते हुए कहा उनकी बिजली कंपनी में कुल 118 विद्युत उपभोक्ताओं से विभिन्न जनपदों में कॉस्ट डाटा बुक के विपरीत जो 24 लाख 43 हजार की अधिक वसूली की गई थी उसे विद्युत उपभोक्ताओं को चेक के माध्यम से वापस कर दिया गया है और जिन विद्युत उपभोक्ताओं से जीएसटी के मद में अधिक वसूली की गई थी उसे भी वापस कर दिया गया है।
प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का पक्ष रखते हुए याचिकाकर्ता उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा जो शपथ पत्र दाखिल किया गया है उसमें जीएसटी की वापसी के बारे में नहीं लिखा गया है और साथ ही दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत आगरा में एक फ्रेंचाइजी टोरेंट पावर के क्षेत्र में कॉस्ट डाटा बुक के विपरीत की गई अधिक वसूली का कोई भी प्रमाण शपथ पत्र में नहीं शामिल किया गया है क्या दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम यह भूल गया है कि टोरेंट पावर भी दक्षिणांचल के अंतर्गत ही आता है और उस क्षेत्र में भी विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा बडे पैमाने पर शिकायत की जा रही है कि उनसे भी अधिक वसूली की गई है ।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने जीएसटी की अधिक वसूली पर एक नया मुद्दा उठाते हुए कहा वर्तमान में जब विद्युत नियामक आयोग में सुनवाई चल रही है इसी दौरान राजधानी लखनऊ के लेसा में जीएसटी कि अधिक वसूली का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है अब सभी को पता है कि कास्ट डाटा बुक में 18 प्रतिसत जीएसटी सम्मिलित है उसके बावजूद भी राजधानी लेसा में एक उपभोक्ता का एस्टीमेट पहले 17 लाख 41 हजार रुपए का बनाया गया और फिर उसे परिवर्तित करके 4 लाख 79 हजार में बनाया गया और हद तो तब हो गई जब कॉस्ट डाटा बुक उपभोक्ता सामग्री जिसमें जीएसटी सम्मिलित थी उसके बावजूद भी दो बार जीएसटी की वसूली कर ली गई यानी कि 100 केवीए का एक ट्रांसफार्मर जिसकी मूल लागत जब 2019 में कॉस्ट डाटाबुक बनाई गई थी उस पर 18 प्रतिसत जीएसटी जोडकर कॉस्ट डाटा बुक में 100 केवीए ट्रांसफार्मर की जीएसटी सहित जो कुल दर रुपया 136710 रुपए तय की गई थी उस पर डबल जीएसटी वसूली गई अगर कुल जीएसटी निकाली जाए तो वह 18 प्रतिसत की जगह लगभग 64 प्रतिसत जीएसटी की वसूल कि यानी कि 100 केवीए का ट्रांसफार्मर की जो मूल दर 115856 थी उस पर 74498 केवल जीएसटी की वसूली की गई जो सिद्ध करता है कि उपभोक्ताओं के साथ बडी चीटिंग की जा रही है और अभियंता मनमानी कार्रवाई पर उतारू है ऐसे में जीएसटी की अधिक वसूली पर कठोर कार्रवाई की जाए और आगे ऐसा ना हो विद्युत नियामक आयोग सख्त कदम उठाए।
विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन श्री आर पी सिंह व सदस्य श्री वी के श्रीवास्तव ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह तुरंत जीएसटी वसूली की वापसी पर भी एक शपथ पत्र दाखिल करें और साथ ही टोरेंट पावर में उपभोक्ताओं से कॉस्ट डाटा बुक के विपरीत अधिक वसूली पर भी एक शपथ पत्र दाखिल करें आगे पूरे मामले पर विद्युत नियामक आयोग फैसला करेगा।

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