कांग्रेस ने गोरखपुर में दिया धरना, न प्रायप्त संख्या में पदाधिकारी पहुंचे न ही किसान

चौरी चौरा। कांग्रेस पार्टी केंद्र की बीजेपी सरकार की नीतियों के खिलाफ किसानों के साथ मिलकर गोरखपुर जिला मुख्यालय सहित सभी तहसील मुख्यालय पर धरना दे रही है। चौरी चौरा में आयोजित धरने में किसानों व पार्टी कार्यकर्ताओं की कमी सी दिखी हालांकि इस धरने में जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान भी उपस्थित रही फिर भी न पार्टी के स्थानीय पदाधिकारी आये न ही पर्याप्त संख्या में किसान ही पहुँचे।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का 40 दिनों का किसान जन जागरण अभियान अपने अंतिम पड़ाव में है। जो अगले 6 मार्च तक चलेगा।कांग्रेस पार्टी केंद्र की बीजेपी सरकार की नीतियों के खिलाफ किसानों को धरने में शामिल होने के लिए पिछले एक महीने से चौरी चौरा में चल रही थी।लेकिन मंगलवार सुबह से दोपहर तक चलने वाले तहसील परिसर चौरी चौरा के धरने में कांग्रेस के स्थानीय ब्लाक अध्यक्ष व कार्यकर्ताओं की कमी सी दिखी परिणामस्वरूप किसानों व पार्टी कार्यकर्ताओं को मिलाकर कुल संख्या दर्जनों में ही सिमट गई।कई कांग्रेसी सुबह तहसील परिसर पहुँचे थे लेकिन पार्टी के जिलाध्यक्ष के पहुँचने के बाद भी पार्टी के अपने जिम्मदारियों से बचते हुए अपने जरूरी कार्यो को अहमीयत देते हुए धरना स्थल से चले गए ।जिसमे सरदार नगर ब्लाक के अध्यक्ष भी शामिल थे।तहसील परिसर में आयोजित धरने के तहत कांग्रेस ‘किसानों के सम्मान में कांग्रेस पार्टी मैदान में’ का नारा दे रही है।धरने के माध्यम से कांग्रेस ने मौजूदा सरकार से ‘कर्जा माफ-बिजली हाफ’… ‘गांव-गांव गौशाला दो,… वरना रखवाली भत्ता दो’… ‘गन्ने का पूरा भुगतान हो, नया दाम 400 हो’ जैसे नारों के साथ अपना प्रदर्शन स्थानीय उपजिलाधिकारी अर्पित गुप्ता के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल के पास आठ सूत्रीय ज्ञापन व हजारों किसानों के नाम नम्बर सहित अन्य जानकारियां भेजी है।

इस पर बोलते हुए कांग्रेस के जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान ने कहा कि हमारा धरना पूरे प्रदेश में चल रहा है जिसमे आठ सूत्रीय मांग से हम सरकार से किसानों की समस्या को बताना चाहता है।यदि हमारी मांग पूरी नही की गई तो हम व्यापक विरोध करेंगे।धरने में किसानों व पार्टी के पदाधिकारियों के पर्याप्त संख्या न शामिल होने के प्रश्न पर उत्तर पर देते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा किसान व पार्टी के कार्यकर्ता आये है।लेकिन इधर उधर तहसील परिसर में विखरे हुए है।जो किसान पीड़ित है वो धरने में शामिल है।

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