कांग्रेस पार्टी के एमएलसी ने सरकार तथा उत्तर प्रदेश पुलिस को लिया आड़े हाथों

कानपुर कांड के बाद उत्तर प्रदेश की पुलिस तथा सरकार लगातार गिरती हुई नजर आ रही है । विकास दुबे हत्याकांड में पुलिस के सिपाहियों सहित आला अधिकारियों के शामिल होने से जितनी किरकिरी नहीं हुई उससे अधिक किरकिरी विकास दुबे एनकाउंटर में उत्तर प्रदेश पुलिस की हुई । लगातार उत्तर प्रदेश पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं । क्या पुलिस वाले अपना असलहा नहीं संभाल पाते हैं जो हर अपराधी उनकी रिवाल्वर तथा बंदूक छीनकर भागने का प्रयास करते हैं। पुलिस लगातार अपराध पर लगाम लगाने में असफल दिखाई पड़ रही है। वहीं पर कानपुर पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है । जिसमें खाकी पर दाग लग गए अपहरण की गई लड़की को वापस करने के लिए बदमाशों द्वारा फिरौती मांगे जाने तथा पुलिस के कहने पर पीड़ित के घरवालों द्वारा फिरौती की रकम लेकर बताए हुए स्थान पर पहुंचने पर बदमाशों द्वारा रकम लेकर भाग जाने तथा पुलिस के देखती रह जाने पर उत्तर प्रदेश पुलिस सहित सरकार पर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार हमलावर है पार्टी के विधान परिषद सदस्य दीपक सिंह ने गंभीर आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार एवं पुलिस को आड़े हाथों लिया है।

कांग्रेस पार्टी से विधान परिषद सदस्य दीपक सिंह ने कहा कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश में आए दिन हत्या लूट डकैती और चुनौती आम बात थी अब तो उत्तर प्रदेश अपहरण का केंद्र भी बनता जा रहा है। जिस तरह से कानपुर में अपहरण हुआ अपहरण करने के बाद पुलिस के कहने से परिजन लड़की के पिता अपहरणकर्ता को पैसा देने जाते हैं और पुलिस की मौजूदगी में अपहरणकर्ता पैसा लेकर भाग जाता है या ऐसे सवाल खड़ी करती है कि क्या उत्तर प्रदेश पुलिस नाबालिक को गोली मार पाएगी? क्या उत्तर प्रदेश पुलिस जब चौकीदार पकड़ेगा तभी गिरफ्तारी कर पाएगी? क्या उत्तर प्रदेश की पुलिस गाड़ी पलटेगी तभी एनकाउंटर कर पाएगी ? उत्तर प्रदेश में जंगलराज स्थापित हो चुका जंगल राज की बात कर सरकार में आने वाली भारतीय जनता पार्टी कि सरकार में जंगलराज रिटर्न या जंगलराज द्वितीय ज्यादा प्रभावी हो गया है। उत्तर प्रदेश में कोई ऐसा स्थान कोई ऐसी जगह नहीं है जहां सुरक्षित हो ।।अपराधी बेखौफ होकर हर जगह हत्या अपराध और फिरौती जैसी घटना को अंजाम दे रहे हैं और सरकार आयोजन पर आयोजन करते हुए अपनी पीठ थपथपा रही है।

Related Articles

Back to top button