बुंदेलखंड : अवैध खनन को लेकर किसानों का अनिश्चितकालीन जल सत्याग्रह

बुंदेलखंड की सरजमी पर जनपद बांदा का खनिज संपदा के लिए एक बेशुमार प्रदेश मे नाम उभर कर आता है। जहां खनिज संपदा की अकूत संपत्ति को संविधान के विधि सम्मत वैध खनन को अवैध खनन करवाने में जिम्मेदार प्रशासनिक तंत्र जरा भी गुरेज नहीं करते और बैध की आड़ में अवैध खनन जारी रहता है। साथ में अवैध खनन को लेकर के संबंधित क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा कई बार प्रशासनिक तंत्र के लोगों को अवगत भी कराया गया। लेकिन कोई कार्यवाही न होने पर सामाजिक संगठन के लोगों के द्वारा भी इस खनन की परिचर्चा में शामिल होकर के अवैध खनन की आवाज को बुलंद करने पर जुट गये हैं। जैसा कि बांदा के अतर्रा थाना क्षेत्र अंतर्गत संचालित खदान में आज बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कार्यकर्ताओं के द्वारा नदी की जलधारा में विरोध प्रदर्शन करते हुए जल सत्याग्रह आंदोलन प्रारंभ किया है।

V/O – बांदा में संचालित मोरम खदानों के पट्टों में वैध की आड़ में अवैध खनन जारी है वहीं संबंधित प्रशासनिक अधिकारी व खनिज अधिकारी के द्वारा उदासीन कार्यशैली को अक्तियार किया जा रहा है। जिसको लेकर के बांदा के अतर्रा थाना क्षेत्र अंतर्गत संचालित खदान तेरा में आज बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा के द्वारा नदी की जलधारा में खड़े होकर कार्यकर्ताओं के साथ व किसानों के सहयोग से जल सत्याग्रह प्रारंभ किया है। लेकिन सोचने की बात यह है कि क्या इस जल सत्याग्रह से संबंधित जिले के प्रशासन पर किसी प्रकार का कोई प्रभाव पड़ेगा यह भविष्य के गर्त में है। लेकिन बैध की आड़ में अवैध खनन जोरों पर है इन दिनों जारी है।
मोरम माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है की सीमांकन पट्टे क्षेत्र से कई किलोमीटर तक और एनजीटी की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए नदी की जल धाराओं को रोककर के अवैध खनन करते चले आ रहे हैं जिसका जीता जागता नजारा संबंधित बालू के पट्टे क्षेत्र में देखने को मिल जाता है। लेकिन देख कर भी अंजान बने रहना प्रशासनिक अमले की कार्य गुजारी द्वेषपूर्ण नीति को दर्शाती है जहां नदी में खनिज अधिनियम व शासनादेश का खुलेआम संबंधित मोरम माफियाओं द्वारा माखौल उड़ाते हुए शासनादेश के विरुद्ध नदी की जल धाराओं को रोककर 3 मीटर से अधिक खोदकर नदी के तट क्षेत्र के गड्ढों को कुएं के रूप में तब्दील कर देते हैं। लेकिन संबंधित अधिकारी जान कर भी अंजान बने रहते हैं आखिर क्यों और कब होगी कार्यवाही यह भविष्य के गर्त में छिपा हुआ है।

जल सत्याग्रह करते हुए बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा के द्वारा बताया गया है। की जिला प्रशासन व खनिज अधिकारी की मिलीभगत करके संबंधित माफियाओं के द्वारा अवैध खनन वैध की आड़ में अवैध तरीके से किया गया है। और जो बैध पट्टे का सीमांकन है उससे अधिक 1 किलोमीटर के दायरे तक का अवैध तरीके से नदी से बालू निकालकर के कालाबाजारी कर दी गई है। सत्याग्रह करने का मेन मकसद किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि प्रशासन के द्वारा यहां के ग्रामीणों के द्वारा कई मर्तबा शिकायती पत्र देकर के समस्या बताई गई लेकिन कार्यवाही न होने के कारण आज मजबूरी बस हम लोगों ने अनिश्चितकालीन जल सत्याग्रह प्रारंभ कर दिया है, जिले में संचालित मोरम खदानों में खुलेआम खनिज शासनादेश व खनिज अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पूरे जनपद में बैध की आड़ में अवैध तरीके से खनन किया जा रहा है। जैसा कि जनपद बांदा के अतर्रा क्षेत्र अंतर्गत संचालित खदान ग्राम तेरा में अवैध खनन जारी है। वही बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा बताया गया है कि जब तक कार्यवाही नहीं होती है हम लोग अनिश्चितकालीन के लिए जल सत्याग्रह आंदोलन करने के लिए बाध्य हैं। हमारी मांगे हैं कि अवैध तरीके से किए गए खनन को दृष्टिगत रखते हुए संबंधित खनिज अधिकारी के द्वारा खनन पट्टे धारक के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करवा के विधि सम्मत कार्रवाई करें और अवैध खनन पर अंकुश लगाएं।

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