बीजेपी टिकट दावेदारों में वर्चस्व की जंग, बीजेपी को लग सकता है झटका

आजमगढ़ के सगड़ी में सीएम के आने से पूर्व सभास्थल पर दावेदारों में जंग

आजमगढ़: आजमगढ़ सगड़ी के समुंदपुर में यूं तो सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम के बहाने बीजेपी सरकार जहां करोड़ों की योजनाओं के सहारे लोगों को प्रभावित करने में जुटी थी वही जनसभा स्थल पर सगड़ी विधानसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदारों में आपसी रस्साकशी पूरे सभा स्थल पर दिखाई दी। यहां तक कि सीएम के आने से पहले मंच पर अपने उद्बोधन में भी वक्ता कुछ ना कुछ हवा देते रहे यहां तक कि जिलाध्यक्ष ध्रुव कुमार सिंह ने भी सभी से अपने अपने तख्तियों को नीचे रखने की अपील की। यहां पर बीजेपी सरकार के टिकट पर चुनाव लड़ने के दावेदारों में बसपा से निलंबित और भाजपाई हो चुकीं बंदना सिंह, अजमतगढ़ नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन अरविंद जयसवाल, अजमतगढ़ ब्लॉक प्रमुख प्रति मनीष मिश्रा उर्फ पिंटू मिश्रा हैं।

बीजेपी इस बार चुनाव जीतने को पूरी ताकत झोंकी

इसके अलावा इसके पहले बीजेपी के प्रत्याशी रहे देवेंद्र सिंह, घनश्याम पटेल और वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद सिंह के नामों की भी चर्चा गाहे-बगाहे दिखाई देती रहती है। लेकिन सभा स्थल पर भीड़ में मौजूद समर्थक बैनर, पोस्टर व शरीर पर रंगों के सहारे मनीष मिश्रा और वर्तमान विधायक बंदना सिंह में ही दिखाई दी। यूं तो पूरा आजमगढ़ सपा का गढ़ माना जाता है। सगड़ी विधानसभा सीट भी अछूती नहीं है और यहां पर बीजेपी कभी चुनाव जीती नहीं है। लेकिन जिस प्रकार से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी इस बार चुनाव जीतने को पूरी ताकत झोंकी है वहां पर सगड़ी इस पार्टी के लिए सबसे बड़ा दांव है। मुस्लिम, यादव, कुर्मी, दलित समेत अन्य पिछड़ा बाहुल्य इस क्षेत्र में सवर्ण मतदाता भी कुछ गुंजाइश रखते हैं लेकिन सपा बसपा के इस गढ़ में भाजपाइयों में आपसी दंगल पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बनी है। वर्तमान विधायक बंदना सिंह के पति सर्वेश सिंह सीपू सपा से विधायक रह चुके थे। बाद में बसपा में गए लेकिन चुनाव नहीं जीत पाए और 2013 में हत्या हो गई। सहानुभूति की लहर पर सवार हो कर बंदना सिंह भले ही बसपा से चुनाव जीत गईं लेकिन उनपर यह भी चर्चा होती रही कि जितने के बाद क्षेत्र में ज्यादा नहीं दिखीं।

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