Fraud: PM Modi के साथ फोटो का इस्तेमाल.. BJP के बड़े नेता ने 15 हजार लोगों से ठगे 100 करोड़, बवाल !

बरेली और बदायूं जिले में अमर ज्योति यूनिवर्स निधि लिमिटेड नाम की फाइनेंस कंपनी पर बड़ा घोटाला सामने आया है। आरोप है कि इस कंपनी ने आरडी और एफडी के नाम पर बैंकों से अधिक मुनाफे का लालच देकर करीब 15,000 लोगों से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जुटाई। अब अचानक कंपनी बंद हो गई है और निवेशकों को उनके पैसे नहीं मिल रहे हैं। शुक्रवार को जैसे ही खबर फैली कि कंपनी का दफ्तर बंद हो गया है, सैकड़ों निवेशक सड़कों पर उतर आए और जमकर हंगामा किया।

निवेशकों का हंगामा, महिलाएं रोती-बिलखती रहीं

बरेली में कंपनी के निदेशक और भाजपा नेता सूर्यकांत मौर्य के आवास के बाहर सैकड़ों निवेशकों ने प्रदर्शन किया। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं थीं, जिन्होंने कहा कि किसी ने घर बेचकर, किसी ने जेवर गिरवी रखकर निवेश किया था, लेकिन अब कंपनी पैसा लौटाने से इंकार कर रही है। कई महिलाओं की आंखों से आंसू नहीं थमे। बदायूं के पीड़ितों ने भी कंपनी के स्थानीय कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।

निदेशक भाजपा नेता, भरोसे पर लूटा गया धन

कंपनी के निदेशक शशिकांत मौर्य और उनका भाई सूर्यकांत मौर्य, बरेली भाजपा संगठन में महानगर मंत्री के पद पर हैं। निवेशकों ने आरोप लगाया कि इन्हीं नेताओं के प्रभाव और भरोसे पर उन्होंने कंपनी में पैसा लगाया। बदायूं निवासी अमित पाठक ने बताया कि कंपनी के व्हाट्सएप प्रोफाइल पर प्रधानमंत्री के साथ फोटो लगाई गई है, जिससे निवेशकों का भरोसा और गहरा हो गया था।

अचानक बंद हुआ दफ्तर, रातों-रात गायब हुए संचालक

शुक्रवार को जब बदायूं के मीरा सराय रोड स्थित कंपनी के ऑफिस में एसी तक उतारा जा रहा था, तो शक गहराया। रातों-रात दफ्तर खाली कर दिया गया। अब न तो कंपनी के निदेशक मिल रहे हैं और न ही कोई जवाबदेही तय हो रही है। बारादरी थाना क्षेत्र स्थित शशिकांत और सूर्यकांत के घर का घेराव करने पहुंचे निवेशकों को वहां से भी सिर्फ निराशा हाथ लगी।

कोर्ट में मामला होने की बात कहकर बचाव की कोशिश

शाम को सोशल मीडिया पर एक बयान में शशिकांत मौर्य ने लिखा कि उसकी मंशा गलत नहीं है, लेकिन जब मामला कोर्ट में है तो वह कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही कोई कदम उठाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने किसी तरह की ठगी से इनकार किया और खुद को निर्दोष बताया।

भाजपा पद से नाम और पद हटवाया

हंगामे के बाद शशिकांत और सूर्यकांत मौर्य ने अपने घर के बाहर लिखे नाम और भाजपा पद के बोर्ड पुतवा दिए। इस पूरी प्रक्रिया की तस्वीरें कई निवेशकों ने खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दीं। यह कदम निवेशकों में और आक्रोश बढ़ा गया।

पुलिस-प्रशासन का रुख, शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई

बरेली के एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि अभी तक किसी भी निवेशक ने आधिकारिक रूप से तहरीर नहीं दी है। तहरीर मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, बदायूं के इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार ने कहा कि तीन अभिकर्ताओं को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है और निदेशक की तलाश जारी है।

‘हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा’, बोले निवेशक

निवेशक अमित, मंजू, रंजीत और अन्य ने बताया कि वह खुद भी कंपनी के एजेंट रह चुके हैं। उनके भरोसे पर लोगों ने पैसा लगाया और अब वही लोग उनसे हिसाब मांग रहे हैं। कुछ ने संपत्ति बेच दी, कुछ ने कर्ज लेकर पैसा लगाया, लेकिन अब सबकुछ लुट गया है। उन्हें डर है कि भाजपा नेताओं के प्रभाव के कारण उन्हें न्याय नहीं मिल पाएगा।

मुख्य मामला बदायूं का, वहीं दर्ज होगी रिपोर्ट

बारादरी थाना प्रभारी धनंजय पांडेय ने कहा कि मामला मूल रूप से बदायूं का है, इसलिए रिपोर्ट भी वहीं दर्ज की जाएगी। बरेली पुलिस, बदायूं पुलिस को पूरा सहयोग दे रही है ताकि दोषियों की गिरफ्तारी हो सके।

राजनीतिक प्रभाव और जनता के विश्वास का दुरुपयोग

यह घोटाला केवल एक फाइनेंस स्कैम नहीं बल्कि राजनीतिक प्रभाव और जनता के विश्वास के दुरुपयोग की कहानी है। अमर ज्योति यूनिवर्स निधि लिमिटेड के जरिए जिस तरह से हजारों लोगों की मेहनत की कमाई डुबोई गई, उसने फाइनेंशियल सुरक्षा और राजनीतिक पारदर्शिता पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

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