Quad पर चीन ने दी धमकी तो बांग्‍लादेश ने ड्रैगन को दिया करारा जवाब

ढाका बांग्‍लादेश के अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्‍ट्रेलिया के नेतृत्‍व वाले क्‍वॉड गठबंधन में शामिल होने की अटकलों पर चीन की धमकी के बाद ढाका ने ड्रैगन के खिलाफ जोरदार पलटवार किया है। बांग्‍लादेश के विदेश मंत्री एके अब्‍दुल मोमेन ने कहा कि हमारा देश एक स्‍वतंत्र और संप्रभु राष्‍ट्र है। बांग्‍लादेश यह खुद तय करेगा कि उसकी विदेश नीति क्‍या होगी। उन्‍होंने कहा कि हमने चीन से यह अपेक्षा नहीं की थी और हम अपना कोई भी फैसला बांग्‍लादेश की जनता के हित को ध्‍यान में रखते हुए लेंगे।

मोमेन ने चीन के राजदूत ली जिमिंग की धमकी पर कहा कि उनका बयान बिना सोचे समझे दिया गया है। बांग्‍लादेशी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन का किसी देश के आतंरि‍क मामले में हस्‍तक्षेप का प्रयास असामान्‍य है। उन्‍होंने कहा, ‘हमने इसकी चीन से अपेक्षा नहीं की थी।’ साथ ही मोमिन ने कहा कि अभी तक क्वॉड के किसी भी सदस्य ने बांग्लादेश से संपर्क नहीं किया है। इससे पहले चीनी राजदूत ली जिमिंग ने बांग्लादेश को अमेरिका नीत क्वॉड गठबंधन में शामिल होने को लेकर आगाह करते हुए धमकी दी थी कि ढाका के इस पेइचिंग विरोधी ‘क्लब’ का हिस्सा बनने पर द्विपक्षीय संबंधों को ‘भारी नुकसान’ होगा।

द्विपक्षीय संबंधों को भारी नुकसान पहुंचेगा: चीन
चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंग की यात्रा के बाद बांग्लादेश में चीन के राजदूत ली जिमिंग की यह अप्रत्याशित चेतावनी सामने आई है। 27 अप्रैल को फेंग बांग्लादेश की यात्रा पर आए थे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति अब्दुल हामिद से कहा था कि पेइचिंग और ढाका को दक्षिण एशिया में ‘सैन्य गठबंधन’ गठबंधन बनाने और ‘वर्चस्ववाद’ कायम करने की जुगत में लगीं बाहरी शक्तियों को रोकना चाहिये। डिप्लोमेटिक कॉरेस्पोंडेंट एसोसिएशन, बांग्लादेश द्वारा सोमवार को आयोजित डिजिटल बैठक में ली ने कहा, ‘बांग्लादेश के लिये चार देशों के इस छोटे से क्लब (क्वॉड) में शामिल होना निश्चित रूप से सही विचार नहीं होगा क्योंकि इससे द्विपक्षीय संबंधों को भारी नुकसान पहुंचेगा।’

उन्होंने कहा कि क्वॉड एक ‘छोटा कुलीन समूह’ है जो चीन के विरुद्ध काम कर कहा है। चीन के राजदूत के इस विवादित बयान पर बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉक्टर ए के अब्दुल मोमिन ने कहा कि बांग्लादेश गुट-निरपेक्ष तथा संतुलित विदेश नीति का अनुसरण करता है और वह खुद तय करेगा कि इन सिद्धांतों के अनुरूप क्या किया जाना चाहिये। क्वॉड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग को संक्षेप में क्वॉड कहा जाता है। इसका गठन साल 2007 में किया गया था। इसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं।

तीस्ता नदी प्रबंधन परियोजना पर बांग्लादेश को चीन का समर्थन!
सोमवार को हुई बैठक के दौरान, चीनी राजदूत ने तीस्ता नदी प्रबंधन परियोजना पर बांग्लादेश के प्रयासों को चीन का समर्थन मिलने की संभावना भी जताई। बांग्लादेश सरकार ने इस परियोजना में चीन को शामिल करने को लेकर औपचारिक रूप से कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया है। ली ने इन चिंताओं को खारिज किया कि जल बंटवारे को लेकर बांग्लादेश और भारत के बीच विवाद का परियोजना पर प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि एक साझा नदी के निचले हिस्से पर इस तरह की परियोजना शुरू करना बांग्लादेशी लोगों का वैध अधिकार है।’ ली के हवाले से कहा गया, ‘यदि वह ऊपरी हिस्से में कुछ बनाता है तो उसे निचले हिस्से के आसपास बसे देशों से राय लेनी होगी। लेकिन आप निचले हिस्से में परियोजना शुरू कर रहे हैं तो मुझे नहीं लगता कि यह कोई संवेदनशील मुद्दा है।’

पीएम मोदी की बांग्‍लादेश यात्रा से सहमा है चीन!
यह भी तक स्‍पष्‍ट नहीं हो सका है कि क्‍यों चीन ने बांग्‍लादेश को लेकर यह टिप्‍पणी की है लेकिन भारत समेत क्‍वॉड के सभी चारों देशों ने अपनी गुट में और देशों को शामिल होने को लेकर कभी भी परहेज नहीं किया है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने क्‍वॉड की वर्चुअल बैठक में कहा था कि आने वाले समय में हिंद प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए व्‍यापक कार्यक्षेत्र मौजूद है। यही नहीं हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्‍लादेश गए थे और दोनों देशों के बीच दोस्‍ती प्रगाढ़ हुई है। माना जा रहा है कि चीन को यह डर सता रहा है कि बांग्‍लादेश भी क्‍वॉड में शामिल हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो हिंद महासागर पर राज करने के चीनी सपन को करारा झटका लगेगा।

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