“90,000 पाक सैनिकों की पतलूनें..” इस बलोच नेता ने पाकिस्तानी आर्मी की निकाली हेकड़ी, भारत को संदेश

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और गहरा गया है। दोनों तरफ से कई राजनीतिक नेताओं की ओर से एक-दूसरे को युद्ध की धमकी दी जा रही है, जिससे उपमहाद्वीप में हालात और अधिक संवेदनशील हो गए हैं।
आसिम मुनीर ने दी बलोचों को धमकी
इसी बीच पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान बलूच जनता को खुली धमकी दी है। उन्होंने कहा कि “बलूचिस्तान पाकिस्तान के माथे का झूमर है, और अगली 10 नस्लें भी इसे अलग नहीं कर पाएंगी।” उनका यह बयान न सिर्फ बलूच समुदाय को उकसाने वाला था बल्कि पाकिस्तान के भीतर दशकों से चल रहे आंतरिक विद्रोह की आग में घी डालने जैसा साबित हुआ।
बलूच नेता अख्तर मेंगल का तीखा पलटवार
जनरल मुनीर के बयान के बाद बलूचिस्तान के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रमुख नेता अख्तर मेंगल ने एक तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पाकिस्तान को 1971 की ऐतिहासिक हार की याद दिलाते हुए कहा, “90,000 पाक सैनिकों ने न केवल हथियार डाले थे, बल्कि उनकी पतलूनें भी आज वहीं टंगी हैं।”
अख्तर मेंगल का यह बयान पाकिस्तान की सेना और उसकी कथित ‘अजेयता’ पर एक करारा प्रहार माना जा रहा है।
‘हम 75 सालों से जुल्म झेल रहे हैं’: अख्तर मेंगल
अख्तर मेंगल ने कहा कि बलूच जनता पिछले 75 वर्षों से पाकिस्तानी हुकूमत और सेना के अत्याचारों का शिकार हो रही है। उन्होंने कहा, “हम तुम्हारी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। हमने हर जुल्म को झेला है और हर घाव को याद रखा है।”
मेंगल का यह बयान पाकिस्तान के भीतर पनप रही असंतोष की गूंज को स्पष्ट करता है, जो जनरल की कथित राष्ट्रीय एकता की छवि को कमजोर करता है।
भारत के लिए संदेश और रणनीतिक संकेत
बलूच नेताओं की यह प्रतिक्रिया भारत के लिए भी कूटनीतिक और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। बलूच आंदोलन का समर्थन पाकिस्तान पर दबाव का एक बड़ा साधन बन सकता है। खासकर तब, जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख खुद सार्वजनिक मंच से धमकी देने की शैली में बात कर रहे हों।