अमेरिका और भारत के बीच हुआ ‘अरबों’ का बेहद महत्वपूर्ण हथियार सौदा

भारत लगातार अपनी सामरिक शक्‍ति में इजाफा करने की कोशिश कर रहा है | इसी के मद्देनजर अमेरिका और भारत में एक बड़ा रक्षा सौदे होने जा रहा है | अमेरिका भारत को करीब 1 अरब डॉलर के हथियार बेचेगा | ट्रंप प्रशासन ने इसकी मंजूरी दे दी है | ये रक्षा सौदा इसलिए भी अहम है, क्‍योंकि अमेरिका लगातार भारत से रूस के साथ एस-400 मिसाइल सिस्‍टम न खरीदे | लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि वह रूस के साथ होने वाले इस रक्षा सौदे से पीछे नहीं हटेगा | भारत ने इसके लिए रूस को पिछले महीनों में बड़ी रकम अदा भी कर दी है | इसके बाद एस-400 मिसाइल सिस्‍टम जल्‍द से जल्‍द भारत को मिलने की संभावना बढ़ गई है |

इस सौदे के बाद भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा होगा | अमेरिका इस सौदे के तहत भारत को नौसैनिक बंदूकों की सप्‍लाई करेगा | इनका इस्‍तेमाल युद्धपोत, विमान-रोधी और तटवर्ती बमबारी के खिलाफ किया जा सकेगा | इस सौदे के तहत अमेरिका भारत को 13एमके-45 5 इंच/62 कैलिबर नेवल गन्‍स और इससे संबंधित उपकरण की सप्‍लाई करेगा | इन नेवल गन्‍स को बीएई सिस्‍टम्‍स लैंड अर्मामेंट्स ने तैयार किया है | कंपनी के अनुसार इस सौदे के बाद भारत की वर्तमान और भविष्‍य की चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी |

एमके-45 गन सिस्टम अमेरिका और अन्य संबद्ध बलों के साथ भारत की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ जमीनी युद्ध और एंटी-एयर डिफेंस मिशन का संचालन करने की क्षमता प्रदान करेगा |

भारत के अलावा तुर्की भी रूस से एस-400 डिफेंस मिसाइल खरीद रहा है | ऐसे में अमेरिका उस पर भी दबाव डाल रहा है | बुधवार 13 नवंबर 2019 को डोनाल्ड ट्रंप ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन से इस बारे में बात की | इस मीटिंग में ट्रंप ने कहा एस-400 जैसे हथियार अमेरिका के लिए बड़ी चिंता का विषय है | इससे पहले ट्रंप एर्दोगन को धमकी दे चुके हैं कि अगर उन्होंने एस-400 डिफेंस सिस्टम खरीदा तो अमेरिका तुर्की पर प्रतिबंध लगा देगा |

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