अलीगढ़ : रिश्तेदार नहीं आए तो पत्नी ने ही पति कि चिता को दी मुखाग्नि

अलीगढ़ में पत्नी ने पति की चिता को मुखाग्नि दी। पति की शव यात्रा में चार कंधे भी नहीं मिले। मानव उपकार शव यात्रा वाहन सहारा बना और पत्नी सुलेखा स्वास्थ्य विभाग में आशा कर्मीं हैं। अलीगढ़ के बन्नादेवी मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार हुआ । अलीगढ़ के थाना सासनी गेट इलाका स्थित पक्की सराय निवासी स्वास्थ्य विभाग में तैनात आशा कर्मी सुलेखा के पति मनोज वर्मा की बीमारी के चलते मृत्यु हो गई।

घर में पत्नी सुलेखा और सिर्फ तीन बेटियों 12 साल की भानवी, 9 साल की वंशिका व 5 साल की आशी के अलावा कोई भी पुरुष नहीं है। तो वहीं लंबे इलाज़ में काफी खर्चा हो जाने के चलते हाथ में पैसा भी नहीं बचा। पति की मृत्यु के बाद शव यात्रा के लिए चार कंधे भी घर नातेदार पुरुषों के न मिलने पर मानव उपकार शवयात्रा वाहन का सहारा लिया गया । जिस सुलेखा ने अग्नि के सात फेरे लेकर पति का साथ 7 जन्मों तक निभाने के लिए कसम खाई आज उसी पति मनोज वर्मा की चिता का अंतिम संस्कार करते हुए मुखाग्नि देकर विदा किया।

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