स्वतंत्रता के बाद अब बढ़ा है भारत में महिलाओं का लिट्रेसी रेट।

लाइवमिंट नामक सूचना एजेंसी ने बताया कि स्वतंत्रता के समय भारत में महिलाओं की साक्षरता दर 9 प्रतिशत से बढ़कर 77 प्रतिशत हो गया है। विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार, भारत की स्वतंत्रता के आसपास की अवधि के दौरान 11 में से केवल 1 लड़की पढ़ी लिखी थी।

वर्तमान में, भारत में 84.7 प्रतिशत पुरुष पढ़े लिखे हैं। आपको बता दे की कई सर्वे एजेंसियों द्वारा, केरल को भारत का सबसे अधिक साक्षर राज्य बताया है जिसका एजुकेशन रेट 90 प्रतिशत है। लक्षद्वीप के केंद्र शासित प्रदेश में 91.85 प्रतिशत लोग साक्षर हैं, जिसने दूसरा स्थान हासिल किया। मिजोरम 91.33 फीसदी के साथ तीसरे स्थान पर है। भारत में सबसे कम साक्षरता दर बिहार में 61.8 प्रतिशत दर्ज की गई। अरुणाचल प्रदेश और राजस्थान ने भी 65.3 प्रतिशत और 66.1 प्रतिशत की खराब संख्या पर हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, कम उम्र में शादी होने और शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों को प्राथमिकता न मिलने की वजह से महिला छात्रों को काफी अधिक ड्रॉपआउट दर का सामना करना पड़ा है। भारत में शहरी क्षेत्रों ने साक्षरता दर के मामले में ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। शहरी भारत में 84.11 प्रतिशत की तुलना में ग्रामीण भारत में साक्षरता दर 67.77 प्रतिशत है।

2018-19 में शुरू की गई शिक्षा मंत्रालय की समग्र शिक्षा योजना का उद्देश्य प्रारंभिक और माध्यमिक स्तर पर समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना था और इसे केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा 60.40 साझा आधार पर संयुक्त रूप से वित्त पोषित किया जाता है।

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