गंगा किनारे बने शम्मे हुसैनी हॉस्पिटल पर चला प्रशासन का बुल्डोजर

गाजीपुर में गंगा किनारे बने शम्मे हुसैनी हॉस्पिटल और समूह की अन्य बिल्डिंगों पर प्रशासन का बुल्डोजर गरज पड़ा। शनिवार की सुबह जिला प्रशासन के आला अफसरों की मौजूदगी में ध्वस्तीकरण किया गया। इससे पहले शुक्रवार की शाम जिला अधिकारी के यहां की गई अपील को बोर्ड ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई।

वही पूरी रात अस्पताल संचालकों द्वारा अस्पताल परिसर को खाली करने की कवायद की जाती रही। विदित हो कि सदर एसडीएम प्रभास कुमार की कोर्ट ने बीते आठ अक्टूबर को शम्मे हुसैनी अस्पताल को लेकर आदेश दिया था कि एक सप्ताह के अंदर इसे ध्वस्त करा दें, अन्यथा जिला प्रशासन द्वारा गिराए जाने पर इसमें जो खर्च आएगा उसे भी वसूल किया जाएगा। एक सप्ताह के मिले समय में अस्पताल के संचालक हाईकोर्ट चले गए।

हाइकोर्ट ने दस दिनों का समय देते हुए जिलाधिकारी के यहां अपील करने का आदेश दिया था। इसके बाद संचालक द्वारा जिलाधिकारी के यहां अपील की गई थी। जिसे कल खारिज कर दिया गया। मालूम हो कि एनजीटी के गाइडलाइन के अनुसार गंगा के 200 मिटर के क्षेत्र में कोई निर्माण नहीं हो सकता है। इतना हीं नहीं, गाजीपुर के मास्टर प्लान के अनुसार उक्त स्थान का कोई कामर्शियल उपयोग नहीं हो सकता है। बावजूद इसके सभी मानक को ताख पर रखकर करोड़ों की लागत से यह भारी भरकम अस्पताल बना दिया गया।

रिपोर्ट – एकरार खान

 

 

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