“चुनाव बाद सबका हिसाब.. सबक सिखा..”, मुख्तार अंसारी के बेटे.. हेट स्पीच मामले में अब्बास अंसारी दोषी करार

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में शनिवार को बहुजन समाज पार्टी से सुभासपा में आए विधायक अब्बास अंसारी को बड़ा झटका लगा। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए एक भड़काऊ भाषण के मामले में मऊ की कोर्ट ने उन्हें आचार संहिता उल्लंघन का दोषी पाया है। इस फैसले को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे और स्वयं अब्बास अंसारी अदालत में पेश हुए।

चुनावी सभा में भड़काऊ बयान बना सजा की वजह

मामला वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान 3 मार्च का है, जब सदर विधानसभा से सुभासपा के प्रत्याशी के रूप में अब्बास अंसारी ने मऊ शहर के पहाड़पुर मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया था। उस दौरान उन्होंने खुले मंच से प्रशासन को चुनाव बाद ‘हिसाब-किताब’ करने और ‘सबक सिखाने’ की धमकी दी थी। यह बयान चुनाव आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन माना गया।

एसआई गंगाराम की तहरीर पर हुई थी FIR

घटना के तुरंत बाद इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसके आधार पर शहर कोतवाली में तैनात उपनिरीक्षक गंगाराम बिंद की तहरीर पर मऊ शहर कोतवाली में FIR दर्ज की गई थी। मामले में अब्बास अंसारी के साथ अन्य कुछ लोगों को भी आरोपी बनाया गया था। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट के सामने इस बयान को लोकतंत्र और कानून व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बताया।

31 मई को फैसला सुनाने की हुई थी घोषणा

इस मामले की सुनवाई मऊ की CJM कोर्ट में चल रही थी। CJM डॉ. केपी सिंह ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 31 मई को फैसला सुनाने की तिथि निर्धारित की थी। शनिवार को जैसे ही कोर्ट की कार्यवाही शुरू हुई, अब्बास अंसारी खुद अदालत में मौजूद रहे। न्यायालय ने सभी तथ्यों, साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अब्बास अंसारी को आचार संहिता उल्लंघन का दोषी करार दिया।

राजनीति में लगातार विवादों से घिरे रहे अब्बास

अब्बास अंसारी, माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे हैं और उनकी राजनीतिक यात्रा शुरू से ही विवादों से भरी रही है। मऊ से विधायक रहते हुए उन्होंने कई बार विवादित बयान दिए, जिन पर विपक्ष ने हमला बोला। इस हेट स्पीच मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद अब उनकी विधायकी और राजनीतिक भविष्य पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं।

अगली सुनवाई में सजा का ऐलान संभावित

कोर्ट ने फिलहाल अब्बास अंसारी को दोषी करार दिया है, लेकिन सजा की अवधि की घोषणा अगली सुनवाई में की जाएगी। यदि उन्हें सजा मिलती है, तो यह मामला जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत उनकी विधायकी को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में अब्बास के लिए कानूनी मोर्चे पर मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

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