मध्यप्रदेश में फिर एक सीता की अग्नि परीक्षा! कोर्ट ने लगाई रोक

जहां एक तरफ पूरा देश भगवान राम के रावण वध और अयोध्या वापसी के त्योहारों में लीन ह, वहीं मध्य प्रदेश में एक पत्नी को डीएनए की अग्निपरीक्षा देकर अपनी पवित्रता का परिमाण देना पड़ रहा है । ग्वालियर में अपने पति के शक को दूर करने के लिए एक पत्नी को कैरेक्टर टेस्ट से गुजरना पड़ा । यह टेस्ट उन्हें कोर्ट के आदेश पर डीएनए टेस्ट कराना पड़ा ।

ग्वालियर के कुटुंब न्यायालय में एक पति ने अपनी पत्नी से तलाक की अर्जी लगाई थी । इस अर्जी की वजह पति ने अपनी पत्नी के तीसरे बच्चे को बताया । पति ने कहा कि पत्नी करीब एक साल से उससे अलग दूसरे शहर में रह रही है । ऐसे में उसकी पत्नी की तीसरी संतान उसकी हो ही नहीं सकती । कोर्ट में जब पत्नी को बुलाया गया तो उसने अपने पति के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि यह संतान उसे पति से ही मिली है । कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद तीसरी संतान और पति दोनों के डीएनए टेस्ट कराने के निर्देश दिए । अब डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आते ही पत्नी का दावा सही और पति के आरोप झूठे साबित हुए हैं ।

अग्निपरीक्षा के बाद भी नहीं मिल रहा है पति का साथ

बता दें कि डीएनए टेस्ट से साफ हो गया कि महिला की तीसरी संतान उसके पति से ही है । हालांकि पीड़िता के वकील की मानें तो पत्नी को अग्निपरीक्षा के बाद भी उसका हक नहीं मिल रहा है । डीएनए टेस्ट की अग्निपरीक्षा पास करने के बावजूद पति उसे अपने साथ रखने को राजी नहीं है । ऐसे में कोर्ट की तरफ से दोनों पक्षों के बीच समझौते की कोशिश जारी है । लेकिन वाकई हास्यास्पद है कि हजारों साल पहले जैसे अग्निपरीक्षा के बाद भी सीता मैया को श्रीराम का साथ नही मिल पाया था, वैसे ही इस महिला को भी डीएनए की अग्निपरीक्षा पास करने के बाद भी अपने पति की तरफ से नाराजगी ही मिल रही है ।

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