मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कारगिल विजय दिवस को किया याद, कहा पाकिस्तान ने पीठ में छूरा घोंपने की कोशिश की थी

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कारगिल विजय दिवस के मौके पर सैनिकों को याद किया है। आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में इसका जिक्र भी किया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने मन की बात की कार्यक्रम में कहा कि उस वक्त भारत पाकिस्तान से मित्रता चाहता था, लेकिन पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर करगिल युद्ध का दुस्साहस किया था।

पीएम मोदी ने कहा कि इस युद्ध में भारत के सच्चे पराक्रम की जीत हुई। करगिल का युद्ध जिन परिस्थितियों में हुआ वो भारत कभी भूल नहीं सकता है। पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने अपने यहां चल रहे आंतरिक कलह से ध्यान भटकाने के लिए दुस्साहस किया था।

मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुष्ट का स्वभाव ही होता है हर किसी से बिना वजह दुश्मनी लेना। पाकिस्तान ऐसा ही कर रहा था।  ऐसे स्वभाव के लोग जो हित करता है उसका भी नुकसान ही पहुंचाते हैं। इसलिए भारत की मित्रता की जवाब में पाकिस्तान ने पीठ में छूरा घोंपने की कोशिश की थी। लेकिन इसके बाद भारत ने जो पराक्रम दिखाया वो पूरी दुनिया ने देखा। प्रधानमंत्री कहा कि उस समय उन्हें करगिल जाने और वीर जवानों के दर्शन का सौभाग्य मिला था। पीएम ने कहा कि ये पल उनके जीवन के अनमोल क्षणों में से हैं।

मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लालकिले से दिए गए संदेश को याद किया। पीएम मोदी ने कहा कि अटल जी ने कहा था कि करगिल युद्ध ने हमें एक मंत्र दिया है, ये मंत्र था कि कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले हम ये सोचें कि क्या हमारा ये कदम उस सैनिक के सम्मान के अनुरूप है जिसने उन दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहुति दी थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में देशवासियों के संयम की सराहना की। पीएम ने कहा कि मास्क पहनने में कई बार परेशानी होती है। जब हमें बोलना होता है तो हम मास्क हटा लेते हैं, लेकिन मास्क हटाने से पहले डॉक्टरों और नर्सों को याद करें जो घंटों तक मास्क पहने रहते हैं।

पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं देश के नौजवानों से आग्रह करता हूं कि आज दिनभर कारगिल विजय से जुड़े हमारे जाबाजों की कहानियां और वीर माताओं के त्याग के बारे में एक-दूसरे को बताएं और विचार साझा करें।’ उन्‍होंने कहा कि युद्ध की परिस्थिति में हम जो बात कहते या करते हैं उसका सीमा पर डटे सैनिक और उसके परिवार के मनोबल पर बहुत गहरा असर पड़ता है इसलिए हमें ध्यान रखना चाहिए कि हम जो कर या कह रहे हैं उससे सैनिकों का मनोबल बढ़े।

पीएम मोदी ने कहा, ‘आजकल युद्ध केवल सीमाओं पर ही नहीं लड़े जाते हैं, देश में भी कई मोर्चों पर एक साथ लड़े जाते हैं, देश की सीमा पर दुर्गम परिस्तिथियों में लड़ रहे सैनिकों को याद करते हुए हमें भी अपनी भूमिका तय करनी होगी।

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