CCTV में कैद हुई यूपी पुलिस की शर्मनाक हरकत! दरोगा ने खुद आरोपी को भगाया – देखिए वायरल वीडियो

उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पुलिस की छवि पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। नवाबगंज थाना क्षेत्र में एक वांछित अपराधी को गिरफ्तार करने की बजाय खुद पुलिसकर्मियों ने उसे मौके से फरार करवा दिया। इस पूरे घटनाक्रम का सीसीटीवी वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

घटना की तिथि और स्थान

यह घटना 12 जून 2025 की है और नवाबगंज थाना क्षेत्र में घटी। आरोपी पुलिसकर्मी हैं चौकी इंचार्ज आदित्य बाजपेई और सिपाही विजय राज। घटना सामने तब आई जब 22 जून को इस पूरी वारदात का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

पुलिस के सहयोग से फरार हुआ वांछित अपराधी

जानकारी के मुताबिक, नवाबगंज और कोहना थाने की पुलिस ने पिंटू सेंगर हत्याकांड में वांछित आरोपी अनूप शुक्ला को पकड़ने के लिए दबिश की योजना बनाई थी। अनूप, जेल में बंद कथित वकील दीनू उपाध्याय उर्फ धीरज का सहयोगी है। लेकिन दबिश से पहले ही दरोगा और सिपाही ने अनूप शुक्ला को इस कार्रवाई की सूचना दे दी।

सीसीटीवी फुटेज ने खोली पोल

वायरल सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि आदित्य बाजपेई और विजय राज बाइक से अनूप शुक्ला के पास पहुंचे। वीडियो में अनूप बैग लेकर तैयार खड़ा था और दरोगा ने उसे इशारे से भागने का संकेत दिया। अनूप ने हाथ हिलाकर जवाब दिया और तुरंत फरार हो गया। जब बाकी पुलिस टीम दबिश देने पहुंची तो अनूप मौके से गायब था।

22 जून को वायरल हुआ वीडियो, बढ़ा जनाक्रोश

अगर यह सीसीटीवी वीडियो 22 जून को वायरल नहीं होता, तो शायद यह मामला कभी सामने नहीं आता। वीडियो में पुलिसकर्मियों की संदिग्ध गतिविधियां साफ दिख रही थीं, जिसके बाद सोशल मीडिया पर जनता ने पुलिस को जमकर ट्रोल किया और कार्रवाई की मांग उठाई।

कमिश्नर ने दिए तत्काल जांच के आदेश

जैसे ही वीडियो आला अधिकारियों के संज्ञान में आया, कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने घटना को गंभीरता से लेते हुए ACP कर्नलगंज को जांच के आदेश दिए। जांच में दोनों पुलिसकर्मियों की भूमिका संदेहास्पद और सहयोगात्मक पाई गई।

DCP का बयान और सख्त कार्रवाई

डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि 12 जून की दबिश के दौरान आरोपी को भगाने में उप निरीक्षक आदित्य बाजपेई और आरक्षी विजय राज की भूमिका स्पष्ट रूप से संदिग्ध पाई गई। इस आधार पर दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया और नवाबगंज थाने में FIR दर्ज की गई है।

अब क्या होगा आगे?

मामले की जांच अभी जारी है। प्रशासन की ओर से कड़ा संदेश दिया गया है कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वाले चाहे वर्दी में हों या बाहर, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। जल्द ही विभागीय जांच के आधार पर और सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

पुलिस पर उठते भरोसे के सवाल

जब जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने वाले ही अपराधियों से मिले हों, तो लोकतंत्र और कानून व्यवस्था की जड़ें हिल जाती हैं। यह मामला न केवल कानपुर पुलिस के लिए, बल्कि पूरे सिस्टम के लिए एक चेतावनी है।

 

Related Articles

Back to top button