“SAMAR, AD Gun, पेचोरा (S-125)..” इन हथयारों ने रातभर पाकिस्तान को घसीटा, जानें खासियत !

भारतीय वायुसेना (IAF) ने हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ एक निर्णायक कार्रवाई में अपने तीन प्रमुख वायु रक्षा हथियार प्रणालियों—पेचोरा मिसाइल सिस्टम, स्वदेशी विकसित सामर (SAMAR) प्रणाली और एंटी-एयरक्राफ्ट गन (AD Gun)—का प्रभावी उपयोग किया। इस ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान की वायु सीमाओं में घुसपैठ को रोकना और भारतीय हवाई क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करना था।

पेचोरा मिसाइल सिस्टम: दशकों से भारत की वायु रक्षा की रीढ़

पेचोरा, जिसे S-125 के नाम से भी जाना जाता है, एक सोवियत-निर्मित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है। इसे 1974-75 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था, और तब से यह भारत की वायु रक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। यह प्रणाली कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों, हेलीकॉप्टरों और ड्रोन जैसे लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से निशाना बना सकती है।

सामर (SAMAR) प्रणाली: पुराने मिसाइलों का नया अवतार

सामर, यानी “Surface to Air Missile for Assured Retaliation”, भारतीय वायुसेना की एक स्वदेशी विकसित प्रणाली है। इसे पुराने रूसी Vympel R-73 और R-27 एयर-टू-एयर मिसाइलों को पुनः उपयोग करके विकसित किया गया है। सामर प्रणाली की अधिकतम मारक दूरी 12 किमी है, और यह 2 से 2.5 मैक की गति से उड़ने वाले लक्ष्यों को निशाना बना सकती है। इस प्रणाली में ट्विन-टॉरट लॉन्च प्लेटफॉर्म है, जो एक साथ दो मिसाइलें दाग सकता है।

एंटी-एयरक्राफ्ट गन (AD Gun): अंतिम रक्षा की पहली पंक्ति

भारतीय वायुसेना ने हाल ही में नई एंटी-एयरक्राफ्ट गन प्रणालियों को शामिल किया है, जो पुराने L70 गनों का उन्नत संस्करण हैं। इन गनों में 40 मिमी कैलिबर की गोलियां चलाई जाती हैं, और ये हेलीकॉप्टरों, ड्रोन और अन्य हवाई खतरों के खिलाफ प्रभावी हैं। ये गन विभिन्न मोड्स में फायरिंग कर सकती हैं, जिसमें सिंगल शॉट, 100 RPM और 300 RPM शामिल हैं।

समन्वित वायु रक्षा: एक समग्र दृष्टिकोण

भारतीय वायुसेना की इन तीनों प्रणालियों—पेचोरा, सामर और एंटी-एयरक्राफ्ट गन—का समन्वित उपयोग भारत की वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करता है। यह समन्वय भारतीय वायुसेना के एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण प्रणाली (IACCS) के तहत किया जाता है, जो सभी वायु रक्षा प्रणालियों को एकीकृत करता है और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करता है।

भारतीय वायुसेना की पेचोरा, सामर और एंटी-एयरक्राफ्ट गन प्रणालियों का पाकिस्तान के खिलाफ हालिया ऑपरेशन में प्रभावी उपयोग भारत की वायु रक्षा क्षमताओं की पुष्टि करता है। ये प्रणालियाँ न केवल भारत की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं, बल्कि भविष्य में संभावित खतरों के प्रति भी तैयार रहने में मदद करती हैं।

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